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Chandigarh Politics News: चंडीगढ़ की सियासत में रविवार को देर रात बड़ा उलट फेर हो गया। एक तरफ मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया। दूसरी ओर 'आप' के तीन पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया।

Chandigarh Politics News: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में गड़बड़ी होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे कुछ घंटे पहले रविवार देर रात को चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे चलते दोबारा मेयर चुनाव होने का रास्ता साफ हो गया। इतना ही नहीं, चंडीगढ़ सियासत की सबसे बड़ी खबर यह है कि 'आप' पार्टी के तीन पार्षदों ने भाजपा जॉइन कर लिया है। इन नेताओं में नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी के नाम प्रमुख हैं। इन तीनों ने चंडीगढ़ में भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े से भी मुलाकात की है। 

विनोद तावड़े ने 'आप' पर बोला हमला 
प्रभारी विनोद तावड़े ने X पर इसकी जानकरी साझा की। तावड़े ने लिखा- चंडीगढ़ के पार्षद गुरचरण काला जी ने सालभर पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने पंजाब के सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर उनको रिसॉर्ट में बंद करवा दिया था। वहीं पूनम देवी और नेहा मुसावट जी के साथ अरविंद केजरीवाल जी ने हर बार की तरह झूठा वादा किया। 

भारतीय जनता पार्टी तीनों पार्षदों को उनकी योग्यता के अनुसार न्याय देगी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं जे पी नड्डा जी के मार्गदर्शन में हम सभी मिलकर चंडीगढ़ में गरीब कल्याण और सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे।

भाजपा के पास होंगे अब 18 वोट
गौरतलब है कि इस समय नगर निगम सदन में भाजपा के पास कुल 15 वोट हैं।  35 सदस्यीय सदन में 14 पार्षद और पदेन सदस्य यानी एक सांसद। आप के पास 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। पार्टी बदलने के बाद भाजपा के पास अब 18 वोट हो जाएंगे, जबकि आप 10 वोटों पर सिमट जाएगी।

2022 में  एक वोट से जीता था बीजेपी का उम्मीदवार 
गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में हुए चुनाव में 29 वोट पड़े थे, जिनमें से भाजपा के अनूप गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाडी को सिर्फ एक वोट से हराकर मेयर का चुनाव जीता था। गुप्ता को 15, जबकि सिंह को 14 वोट मिले। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 2022 में भी विभिन्न कारणों से एक वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से जीत गए थे।

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