Amritpal Singh Mother Arrested: पंजाब पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर, चाचा सुखचैन सिंह और चार अन्य को गिरफ्तार किया है। ये सभी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग को लेकर 8 अप्रैल को आयोजित खालसा चेतना मार्च में हिस्सा लेने के लिए बठिंडा जा रहे थे।

यहां से शुरू होने वाला था मार्च
अमृतपाल सिंह का परिवार और कई सिख संगठन 8 अप्रैल को चेतना मार्च का आयोजन करने का ऐलान किया है। इसके चलते पंजाब में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब से मार्च शुरू करने की रणनीति बनाई गई है। जबकि अकाल तख्त साहिब पर समाप्त होना था।

बलविंदर कोर के साथ बाकी कैदियों के परिजन 22 फरवरी से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास भूख हड़ताल पर बैठे थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमृतपाल और बाकी कैदियों को जब तक पंजाब ट्रांसफर नहीं किया जाता है, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। 

चार दिन की न्यायिक हिरासत में बलविंदर कौर
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार सभी को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि बठिंडा प्रशासन ने मार्च आयोजित करने के लिए कोई अनुमति नहीं दी थी क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में आचार संहिता लागू होने के बाद उन्हें एहतियातन कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया गया है। 

अमृतपाल के माता-पिता।

गिरफ्तारी पर सियासत शुरू
इस बीच, अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अमृतपाल के परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की निंदा की है। एसजीपीसी ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। वरिष्ठ अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने भी उनकी हिरासत की निंदा की।

अमृतपाल समेत इन कैदियों पर एनएसए
सरकार ने खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और उसके 9 सहयोगियों के खिलाफ एनएसए लगाया है। इनमें दलजीत सिंह कलसी, पप्पलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहाल, गुरमीत सिंह बुक्कांवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह, गुरिंदरपाल सिंह औजला शामिल हैं। पिछले साल मार्च में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार किया था। सरकार द्वारा उनके खिलाफ एनएसए लागू करने के बाद उन्हें डिब्रूगढ़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था।

अजनाला थाने पर किया था हमला
अमृतपाल सिंह और उसके संगठन से जुड़े लोगों ने बीते साल 23 फरवरी को अजनाला पुलिस थाने पर हमला बोल दिया था। सभी अमृतपाल के समर्थन लवप्रीत की रिहाई की मांग कर रहे हैं। उसे बरिंदर सिंह नाम के एक शख्स को पीटने और अगवा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हमलावर भीड़ ने करीब 8 घंटे तक बवाल काटा था और लवप्रीत को छुड़ा ले गए थे। बाद में पुलिस ने केस दर्ज किया और घटना के 2 महीने के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार किया था। तब से वह डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।