भारतीय संस्कृति और पारंपरिक परिधान को बढ़ावा देने का संदेश, पहली बार 44 महिलाएं साड़ी पहनकर मैदान में उतरी

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साड़ी पहनकर फुटबॉल खेलने के इस नवाचार से महिलाओं ने भारतीय संस्कृति और पारंपरिक परिधान को बढ़ावा देने का संदेश दिया है।

गुना। भारतीय संस्कृति और पारंपरिक परिधान को बढ़ावा देने के लिए गुना की महिलाओं ने नए साल पर नया संकल्प लिया है। सुरुचि क्लब की महिलाओं ने ऐसा नवाचार किया है जो गुना ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में पहली बार देखने को मिला। क्लब की 44 महिलाएं साड़ी और Sports Shoes पहनकर फुटबॉल खेली। चार टीमों के बीच फुटबॉल के रोमांचक मुकाबले गुना के बीजी रोड स्थित गणेश मंदिर के पास बने एक निजी फार्म हाउस में मैच हुआ। इतना ही नहीं, विजेता और उपविजेता टीम को पुरस्कार से भी नवाजा गया।

हमने नवाचार से नया संदेश देने की कोशिश की है
क्लब की अध्यक्ष अंजना गर्ग ने बताया कि हमारे देश की महिलाएं अब विदेशी कल्चर को ज्यादा अपना रही हैं। जींस, टॉप, शूट सहित अन्य वस्त्र ज्यादा पहनती हैं। इस कारण भारत में महिलाओं का असली पहनावा साड़ी का चलन कम हो गया है। हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में नई GENERATION (पीढ़ी) साड़ी पहनना ही बंद कर देगी। इसलिए सुरुचि क्लब की महिलाओं ने नवाचार के माध्यम से नया संदेश देने की कोशिश की है। हमारे इस छोटे से प्रयास को देखकर हो सके सकता है कि अन्य महिलाएं भी हमसे जुड़े और दूसरी महिलाओं को भारतीय संस्कृति और पारंपरिक परिधान को बढ़ावा देने का संदेश दें।

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वॉलीबॉल, बैडमिंटन सहित अन्य खेले भी खेले जाएंगे
साड़ी पहनकर फुटबॉल खेलने का नवाचार मध्यप्रदेश में अभी तक देखने को नहीं मिला लेकिन गुना की महिलाएं अलग पहचान बना ली हैं। क्लब की अलका मित्तल और संस्थापक सदस्य रचना अग्रवाल और कविता अग्रवाल ने बताया कि फुटबॉल ही नहीं, वालीबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस सहित अन्य खेल भी खेले जाएंगे। उन्होंने बताया कि सुरुचि क्लब की महिलाएं हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश करती हैं। साड़ी पहनकर फुटबॉल खेलने के इस नवाचार से महिलाओं ने भारतीय संस्कृति और पारंपरिक परिधान को बढ़ावा देने का संदेश दिया है।

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