Maharashtra Weather: महाराष्ट्र में भारी बारिश का रेड अलर्ट, कोंकण और घाट क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन की आशंका

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महाराष्ट्र में भारी बारिश का रेड अलर्ट: कोंकण और घाट क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन की आशंका

महाराष्ट्र के कोंकण, रायगढ़, रत्नागिरी जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट, मुंबई-पुणे सहित घाट क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी। IMD ने बाढ़, भूस्खलन और तेज हवाओं की चेतावनी दी।

Maharashtra Weather Update : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में तेज़ी से सक्रिय हो रहा है। कोंकण क्षेत्र के रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है।

किस क्षेत्र में कौन सा अलर्ट

  • रेड अलर्ट (14 जून): रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग — बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
  • ऑरेंज अलर्ट: मुंबई, पुणे, पालघर, सतारा, कोल्हापुर के घाट क्षेत्र — भारी बारिश की संभावना
  • येलो अलर्ट: मध्य और उत्तरी महाराष्ट्र (नासिक, औरंगाबाद, नागपुर आदि) — मध्यम बारिश
  • विदर्भ: 17 जून तक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना

मछुआरों को चेतावनी
कोंकण तटीय क्षेत्र में तेज हवाओं और ऊंची लहरों की वजह से मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें और निचले जलभराव वाले इलाकों में सतर्क रहें।

मानसून की प्रगति और मौसमीय प्रणाली

मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा (NLM) अब मुंबई, आदिलाबाद, पुरी और बालुरघाट तक पहुंच चुकी है। उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात सक्रिय है। एक ट्रफ रेखा मराठवाड़ा से मध्य प्रदेश और विदर्भ तक फैली है। दूसरी ट्रफ रेखा पश्चिम-मध्य अरब सागर से दक्षिण तटीय ओडिशा तक बनी हुई है। इन सभी के प्रभाव से राज्य के पश्चिमी और तटीय जिलों में भारी बारिश की संभावना है।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान

  • 15 जून से मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधि कम होने की संभावना
  • 17 जून तक विदर्भ में हल्की से मध्यम बारिश बनी रहेगी।
  • पश्चिमी घाट क्षेत्रों में भारी वर्षा का सिलसिला बना रहेगा

जलभराव और भूस्खलन की आशंका
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए महाराष्ट्र के तटीय और घाट क्षेत्रों में लोगों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। बारिश के बढ़ते प्रभाव के साथ बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाओं की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं।

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