पिक्टोरियल बायोग्राफी: दुनिया की पहली पेंटिंग- एक फ्रेम में पूरे जीवन की कहानी; मोदी, एलन और सुधा मूर्ति का आकर्षण

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दुनिया की पहली पेंटिंग: एक फ्रेम में पूरे जीवन की कहानी

भोपाल में हरनूर पैलेस में लगी अनोखी प्रदर्शनी, जहां नरेंद्र मोदी, एलन मस्क और सुधा मूर्ति के जीवन को 'पिक्टोरियल बायोग्राफी' पेंटिंग्स में दर्शाया गया।

मधुरिमा राजपाल की रिपोर्ट- भोपाल। श्यामला हिल्स स्थित हरनूर पैलेस में एक अनोखी कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां चित्रकार विवेक कुमार वर्मा 'अंजान' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एलन मस्क और सुधा मूर्ति जैसे महान व्यक्तियों के जीवन की पूरी कहानी को एक ही फ्रेम में उकेरा है।

यह 'पिक्टोरियल बायोग्राफी इन ए सिंगल फ्रेम' नामक अवधारणा पर आधारित है, जो विश्व में पहली बार विकसित की गई है। प्रदर्शनी में विवेक के 22 चित्रों में से तीन मुख्य पेंटिंग्स:

  • द वर्ल्ड फ्रेम 1: एलन मस्क
  • द वर्ल्ड फ्रेम 2: सुधा मूर्ति
  • द वर्ल्ड फ्रेम 3: नरेंद्र मोदी

प्रदर्शनी में ये तीनों पेंटिंग विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।


मुख्य फोटो में कलाकार विवेक की तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी की पेंटिंग के साथ नजर आई, जो उनकी कला की गहराई को दर्शाती है।

एक ही चित्र में प्रधानमंत्री मोदी के जीवन की पूरी गाथा

विवेक की मोदी पर आधारित सिंगल फ्रेम पेंटिंग में उनके बचपन से लेकर वर्तमान तक के महत्वपूर्ण पहलुओं को बखूबी उकेरा गया है। इसमें मोदी का मां के साथ बचपन बिताना, बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए चाय का ठेला लगाकर नाटक कर धन एकत्र करना, स्कूल की गतिविधियों से पैसे जमा कर दीवार बनवाना, उनकी आध्यात्मिक रुचि, चंद्रयान के माध्यम से चंद्रमा पर पहुंचना, विदेशी कूटनीति, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और ऑपरेशन सिंदूर जैसे सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कई ऐतिहासिक क्षण शामिल हैं।

यह चित्र न केवल मोदी के जीवन को एक नजर में दिखाता है, बल्कि देश में एक नया कीर्तिमान भी स्थापित करता है।

कोविड में डिप्रेशन से उबरने के लिए बेटे ने किया प्रेरित, विकसित की यह अनोखी कला शैली


बचपन से चित्रकला में रुचि रखने वाले विवेक ने बताया, "कई वर्षों तक मैं खुद से संघर्ष करता रहा। हमेशा कुछ अलग और अर्थपूर्ण की तलाश में लगा रहा। लेकिन कोविड काल में लगभग चार साल तक डिप्रेशन का सामना किया। फिर मेरे बेटे ने मुझे प्रेरित किया। उसने एलन मस्क, सुधा मूर्ति जैसे महान हस्तियों के संघर्ष की कहानियां सुनाईं।

सुनकर लगा कि इनकी कहानियों को चित्रकला के रूप में उकेरना चाहिए। इसके बाद मैंने 'पिक्टोरियल बायोग्राफी' की अवधारणा पर शोध किया और एलन मस्क के जीवन पर पहली ऐसी पेंटिंग बनाई।"

सुधा मूर्ति की पेंटिंग: कॉलेज में मजाक उड़ाने वालों को जवाब दिया सफलता से

सुधा मूर्ति की सिंगल फ्रेम पेंटिंग में उनके जीवन के संघर्षों को जीवंत रूप से दिखाया गया है। इसमें एक अकेली लड़की पर सहपाठियों द्वारा हवाई जहाज उड़ाने जैसा मजाक उड़ाना, बी.टेक में प्रथम स्थान प्राप्त कर मुख्यमंत्री से पुरस्कार लेना, टाटा कंपनी में केवल लड़कों के लिए नौकरियां होने पर रतन टाटा को पत्र लिखना, एन.आर. नारायण मूर्ति से मुलाकात और विवाह, तथा अपनी पहली पुस्तक लिखना जैसे मुख्य अंश शामिल हैं। यह चित्र सुधा मूर्ति के साहस और उपलब्धियों को एक फ्रेम में समेटता है।

एलन मस्क की पेंटिंग में भी उनके बचपन से स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी उपलब्धियों तक का सफर दर्शाया गया है।'


पिक्टोरियल बायोग्राफी' में सबसे चुनौतीपूर्ण है व्यक्ति पर रिसर्च

कलाकार विवेक ने कहा, "यह अवधारणा ऐसी है जहां किसी व्यक्ति के पूरे जीवन को एक फ्रेम में चित्रित किया जाता है- बचपन से वृद्धावस्था तक के सभी खास पल शामिल होते हैं। यहां चित्रकारी से ज्यादा जटिल काम व्यक्ति के व्यक्तित्व पर गहन रिसर्च करना है। उस रिसर्च से चुनिंदा महत्वपूर्ण अंशों को चित्र में समेटना सबसे मुश्किल होता है।" यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों के लिए एक नई प्रेरणा स्रोत साबित हुई, जो दर्शाती है कि कैसे संघर्ष और रचनात्मकता से कुछ अनोखा रचा जा सकता है।

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