वीर बाल दिवस: CM मोहन यादव बोले- सिख इतिहास की शौर्य गाथाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करेगी सरकार

Veer Bal Diwas: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले कि सिख धर्म के गुरुओं और उनके परिवारों द्वारा दिया गया बलिदान भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर है, जिसे जन-जन तक पहुंचाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी से लेकर दशम गुरु गुरु गोविंद सिंह जी तक, सिख गुरुओं ने देश, धर्म और मानवता की रक्षा के लिए असंख्य कुर्बानियां दीं। इन बलिदानों ने भारत की सांस्कृतिक और नैतिक चेतना को मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों, साहिबजादा फतेह सिंह और साहिबजादा जोरावर सिंह की अद्वितीय वीरता और शहादत की स्मृति का प्रतीक है। अत्यंत कम आयु में उन्होंने अन्याय के सामने झुकने से इनकार किया और सच्चाई तथा धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका जीवन यह संदेश देता है कि साहस, आत्मसम्मान और सत्य के मार्ग पर अडिग रहना ही सच्ची शक्ति है।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है वीर बाल दिवस
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत एक ऐतिहासिक पहल है, जिससे देश के युवाओं को अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ने का अवसर मिला है। यह दिवस नई पीढ़ी को वीरता, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प जैसे मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। राज्य सरकार गुरु गोविंद सिंह जी और सिख वीरों की शौर्य गाथाओं को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में कार्य करेगी, ताकि बच्चे बचपन से ही अपने इतिहास और संस्कारों से परिचित हो सकें।
गुरुद्वारा हमीदिया रोड में मत्था टेककर लिया आशीर्वाद
वीर बाल दिवस के अवसर पर सीएम मोहन यादव ने भोपाल स्थित गुरुद्वारा हमीदिया रोड पहुंचकर मत्था टेका और संगत को संबोधित किया। उन्होंने गुरुद्वारे में उपस्थित बच्चों के साथ बैठकर कीर्तन का श्रवण किया और उनका उत्साहवर्धन भी किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि संपूर्ण व्यवस्थाओं और संचालन की जिम्मेदारी बच्चों ने स्वयं संभाली।
गुरुद्वारे में बच्चों द्वारा संचालित कीर्तन दरबार के साथ-साथ साहिबजादों के जीवन और बलिदान पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और बच्चों की सराहना की।
वीर साहिबजादों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज के समाज और युवाओं के लिए मार्गदर्शन है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिस तरह इन गाथाओं को शिक्षा और जन-जागरूकता से जोड़ने की बात कही है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रप्रेम और नैतिक मूल्यों की मजबूत नींव रखेगी।
