Van Vihar: वन विहार बाड़े की एक किमी लंबी जाली टूटी, बारिश में बड़े तालाब व कलियासोत सहित सड़कों पर फिर पहुंचेंगे मगरमच्छ

Van Vihar National Park
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वन विहार सूत्रों के अनुसार वन विहार की बड़ी झील में लगी करीब एक किलोमीटर लंबी जाली क्षतिग्रस्त हो गई। जिसकी वजह से बारिश में बड़े तालाब व कलियासोत सहित सड़कों पर मगरमच्छ फिर पहुंचेंगे।

Bhopal: आने वाले दिनों में बड़ी झील कलियासोत डेम सहित अगर सड़कों पर मगरमच्छ दिखाई दे सकते हैं। दरअसल, वन विहार में मगरमच्छ के बाड़े की जाली टूटी हुई है और यहां मगरमच्छ बारिश के मौसम में सीधे झील में ही जाएंगे। इसके अलावा कलियासोत डेम से होते हुए, यह सड़कों पर पहुंच जाते है। पिछले 2-3 सालों से बारिश के मौसम में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। मगरमच्छ व अन्य जलीय जीव सीमा से बाहर निकलने की घटनाओं से लोगों में भय का माहौल बनता है। तो वहीं जालिया टूटे होने से वन विहार के जानवरों की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा है। क्योंकि पिछले दिनों वन विहार के अंदर शिकार के इरादे से तीन लोग घुसने की कोशिश कर चुके है।

एक किलोमीटर लंबी जाली क्षतिग्रस्त
वन विहार सूत्रों के अनुसार वन विहार की बड़ी झील में लगी करीब एक किलोमीटर लंबी जाली क्षतिग्रस्त हो गई। यह करीब पांच साल से टूटी हुई है। हालांकि वन विहार के अधिकारियों का कहना है कि पूरी जाली को बदलने योजना है। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे।

साढ़े तीन करोड़ की लागत से 15 साल पहले लगाई गई थी जाली
वन विहार सूत्रों के अनुसार 15 साल पहले यानी 2010 में 3.50 करोड़ की लागत से पार्क प्रबंधन ने यह जाली लगाई थी। तब जाली लगाने की मुख्य वजह पानी के रास्ते आने वाले अन्य जानवर और लोगों से जानवरों की सुरक्षा और पार्क की पूरी सीमा को अपने अधिपत्य में लेना था, लेकिन साढ़े तीन करोड़ की यह जाली पिछले आठ सालों से टूटी पड़ी हुई है। तालाब में पानी रहने की वजह से जालियों की मरम्मत नहीं हो सकी।

पानी के अंदर जाली लगाने वाली एक्सपर्ट कंपनी या एजेसी को देंगे टेंडर
वन विहार अधिकारी के अनुसार पूरी जाली को बदलने की योजना है। तालाब का पानी कम नहीं होने के चलते अब वन विहार प्रबंधक ने पानी के अंदर जाली लगाने की वाली किसी एक्सपर्ट कंपनी या एजेंसी को टेंडर देने की योजना है। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।

ज्यादा बारिश की वजह से नहीं हो पाई मरम्मत
वन विहार के सहायक संचालक संदेश माहेश्वरी ने बताया कि इस साल बारिश अधिक हुई थी। इसके चलते जालियों की मरम्मत नहीं हो पाई। लेकिन अब प्रबंधक ने पूरी जाली को बदलने का निर्णय लिया है। यह काम पानी के अंदर काम करने का अनुभव रखने वाली एजेंसी को दिया जाएगा।

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