दहशरे पर रावण दहन क्यों?: ब्राह्मण समाज ने उज्जैन में लगाए पोस्टर, महाकाल सेना ने भी दी चेतावनी; जानें वजह

Ravan Dahan Virodh Ujjain
Dashera 2025, Ravan Dahan: दशहरे पर 2 अक्टूबर को रावण दहन को लेकर विवाद गहरता जा रहा है। महाकाल सेना और ब्राह्मण समाज ने उज्जैन में पोस्टर लगाकर देशव्यापपी विरोध की चेतावनी दी है। दोनों संगठनों ने रावण दहन करने वालों से तीखे सवाल पूछे हें। साथ ही शासन प्रशासन से यह परंपरा बंद करने की मांग की है।
परशुराम मंदिर में मंगलवार को इसे लेकर अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज की बैठक हुई, जिसमें देशभर में रावण दहन का विरोध करने का निर्णय लिया गया। संगठन ने तर्क दिया कि रामायण या किसी धार्मिक ग्रंथ में रावण दहन का उल्लेख नहीं मिलता और यह परंपरा मनोरंजन और राजनीति का साधन बन चुकी है।
महाकाल सेना की अपील
महाकाल सेना ने खासतौर पर ब्राह्मणों से अपील की है कि वे रावण दहन जैसे कार्यक्रमों में हिस्सा न लें। महाकाल सेना के संरक्षक महेश पुजारी ने कहा, इतिहास या रामायण में कहीं भी रावण दहन का उल्लेख नहीं है। यह परंपरा अब मनोरंजन राजनीति का साधन बन चुकी है। कहा, वास्तव में जो राम की तरह हैं, वही रावाण दहन करें।युवा ब्राह्मण समाज ने लगाए पोस्टर
अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने भी रामघाट, गुदरी चौराहे और महाकाल घाटी के पास ये पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में सवाल उठाया गया है कि आखिर रावण दहन क्यों किया जाए? इस परंपरा को क्यों नहीं बंद कर देना चाहिए।मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र
महाकाल सेना ने पिछले साल मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर रावण दहन पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। दोनों संगठनों ने रावण दहन करने वाली समितियों से कई सवाल किए हैं। शास्त्र संवत उत्तर न देने पर रावण दहन बंद करने को कहा है।
