महाकाल मंदिर: रील बनाने पर विवाद, बाइक राइडर कपल ने रोते हुए बयां किया दर्द; VIP कल्चर पर उठाए सवाल

Ujjain Mahakal Mandir
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महाकाल मंदिर: बाइक राइडर कपल ने रोते हुए बयां किया दर्द; कहा-हमारी भक्ति को व्यापार बना दिया 

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रील बनाना भारी पड़ गया। ऑल इंडिया बाइक राइडर कपल नैना-अर्पित ने मंदिर कर्मचारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा, सिर्फ आम श्रद्धाुलओं को रोका जाता है। VIP बेधकड़ रील बनाते हैं।

Ujjain Mahakal Temple : मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब ऑल इंडिया बाइक राइडर और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर कपल नैना और अर्पित को मंदिर परिसर में रील बनाते पकड़ा गया। नैना और अर्पित ने मंदिर कर्मचारियों पर पक्षपात और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक भावुक वीडियो भी पोस्ट किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

सिर्फ़ फ़ोन पकड़े होने पर किया दुर्व्यवहार
कंटेंट क्रिएटर नैना ने इंस्टाग्राम हैंडल @yatriactors से शेयर की गई रील में रोते हुए कहा- हमें सिर्फ इसलिए रोका गया क्योंकि हमने हाथ में फोन पकड़ा था। जबकि VIP लोग खुलेआम रिकॉर्डिंग कर रहे थे। आम श्रद्धालुओं की भक्ति को यहाँ व्यापार बना दिया गया है। उन्होंने गैर-VIP श्रद्धालुओं से भेदभावपूर्ण व्यवहार करने और VIP संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

मंदिर में मोबाइल और कैमरे प्रतिबंधित
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरे का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंध है। मंदिर प्रशासन ने इसके लिए स्पष्ट तौर पर चेतावनी जारी कर रखी है। बताया कि यह नियम सभी श्रद्धालुओं पर लागू होते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।

VIP श्रद्धालु बेधड़क बनाते हैं रील
हालांकि, बाइक राइडर कपल का मामले में कहना है कि नियम सिर्फ कुछ लोगों पर ही लागू किए जा रहे हैं। वीआईपी श्रद्धालु बेधड़क रील बनाते हैं और फोटो खींचते हैं। नैना ने लिखा-मंदिर में आए दिन भक्तों से ऐसा बर्ताव होता है। न उम्र देखी जाती है और न महिला-पुरुष का फर्क समझा जाता। आपके पास पैसा नहीं है और आप VIP नहीं हैं तो आपको ठीक से दर्शन करने तक से रोका जाता है।

वीडियो देखें


काफिले के साथ पहुंच गया था विधायक पुत्र
महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। पिछले दिनों एक विधायक पुत्र यहां गाड़ियों का काफिला लेकर पहुंच गया था। उसे रोकने के लिए खुद कलेक्टर-एसपी को आगे आना पड़ा था। हालांकि, आम श्रद्धालुओं को सुरक्षा और शुचिता का हवाला देकर बाहर ही रोक दिया जाता है।

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