सावन 2025: उज्जैन के महाकाल मंदिर में नई व्यवस्था लागू, जानिए श्रद्धालुओं को कैसे मिलेगा प्रवेश?

सावन 2025: उज्जैन के महाकाल मंदिर में नई व्यवस्था लागू, जानिए श्रद्धालुओं को कैसे मिलेगा प्रवेश?
Ujjain Mahakal Kanwar Yatra 2025 : मध्य प्रदेश के बाबा महाकालेश्वर के दर्शन और जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने नई व्यवस्था लागू की है। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अनुमति आधारित और सामान्य कांवड़ियों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार तय किए हैं।
महाकालेश्वर मंदिर: सावन में दो तरह की व्यवस्था
- परमिशन वाले कांवड़ यात्रियों को गेट नंबर 4 से प्रवेश दिया जाएगा। कांवड़ यात्री यहां से सीधे सभा मंडप होते हुए बाबा महाकाल को जल अर्पित करने जा सकेंगे। इस मार्ग में भीड़भाड़ कम रहने की उम्मीद है।
- बिना परमिशन वाले कांवड़ यात्रियों को मंदिर से एक किलोमीटर दूर स्थित त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश करना होगा। वह नंदी द्वार और मानसरोवर होते हुए मुख्य मंदिर परिसर में पहुंचेंगे। इन श्रद्धालुओं की कतार में लगकर ही बाबा महाकाल के दर्शन करने होंगे।
प्रशासन की तैयारी, मंदिर प्रशासक क्या बोले?
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि यह व्यवस्था कांवड़ यात्रियों की सुविधा और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए की गई है। वर्षों से हजारों कांवड़िए उज्जैन में बाबा महाकाल को जल चढ़ाने आते हैं। ऐसे में हर साल नई योजना तैयार की जाती है। इस बार, जो यात्री पूर्व से ऑनलाइन परमिशन या रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उन्हें सीधे प्रवेश मिलेगा। ताकि, उनकी लंबी यात्रा के बाद उन्हें परेशानी न हो।
बाबा महाकाल के दर्शन का विशेष महत्व
श्रावण मास में बाबा महाकाल को जल चढ़ाने की मान्यता विशेष है। देशभर से लाखों कांवड़ यात्री गंगाजल लाकर बाबा महाकाल का अभिषेक करते हैं। उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है और यह भारत का एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है।