30% कमीशन पर नकली नोट: उज्जैन में पकड़ी फैक्ट्री, रिटायर्ड कमिश्नर का बेटा भी गिरफ्तार

नकली नोटों का बड़ा खुलासा, उज्जैन में रिटायर्ड कमिश्नर का बेटा गिरफ्तार
Fake Currency Factory Ujjain : उज्जैन पुलिस ने गुरुवार (11 सितंबर 2025) को नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर 5 लाख 20 हजार के जाली नोट भी जब्त किए हैं। गिरोह से कलर प्रिंटर, केमिकल, पेपर और मोबाइल फोन समेत नकली नोट छापने का संपूर्ण सामान बरामद किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में ट्रेवल एंड वेलफेयर डिपार्टमेंट के रिटायर्ड कमिश्नर का बेटा शेखर यादव भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि आरोपी नकली नोटों को आपस में "सैंडविच" नामक कोडवर्ड से संबोधित करते थे।
दुकानदार की सतर्कता से खुली साजिश
घटना का खुलासा तब हुआ जब 1 सितंबर को अमरदीप नगर स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानदार होरीलाल प्रजापति को एक ग्राहक दुर्गेश ने वॉशिंग मशीन और मोबाइल खरीदने के लिए 23,000 रुपये के नकली नोट दिए। शक होने पर दुकानदार ने पुलिस को सूचना दी, जिससे जांच शुरू हुई।
तफ्तीश में सामने आया पूरा गिरोह
पुलिस पूछताछ में दुर्गेश ने बताया कि उसे यह नोट उसके दोस्त शुभम कड़ोदिया ने दिए थे, जिसने प्रहलाद और कमलेश से संपर्क करवाया था। इन दोनों ने नकली नोट 30% कमीशन पर उपलब्ध कराए थे। गिरोह ने पहले भी 90,000 रुपये देकर 3 लाख के नकली नोट खरीदे थे।
नकली नोट छापने की फैक्ट्री ढांचा भवन में थी
पुलिस ने ढांचा भवन स्थित गोदाम में दबिश देकर कमलेश और प्रहलाद को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि भेरूगढ़ जेल में कैदी सुनील पाटिल के साथ मिलकर नकली नोट बनाने की योजना बनाई थी। सुनील पहले से ही नकली नोटों के केस में सजायाफ्ता है। फरवरी 2025 में जेल से जमानत पर बाहर आया था।
पहले से दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले
- प्रहलाद : एनडीपीएस एक्ट के तहत 10 साल की सजा (2018)
- कमलेश: एनडीपीएस एक्ट, 10 साल की सजा (2019)
- सुनील पाटिल : नकली नोट केस, 10 साल की सजा (2020), फिलहाल देवास जेल में बंद
धाराएं और केस विवरण
पुलिस ने माधवनगर थाना में आरोपियों पर BNS एक्ट की धारा 178, 179 और 180 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में अब और गिरफ्तारियां संभव हैं।
