भक्ति, सेवा और संस्कारों का संगम: भोपाल में गूंजे वेद मंत्र, झूमा भक्ति भाव, स्वामी अवधेशानंद आश्रम कोलार में दिव्य आयोजन

भोपाल (कोलार)। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज के दिव्य संकल्पों को साकार करने और उनके सेवा प्रकल्पों को गति देने के लिए सोमवार (2 जून) को भोपाल के कोलार में वीरपुर स्थित स्वामी अवधेशानंद आश्रम में प्रभु प्रेमी संघ ने विशाल आध्यात्मिक आयोजन किया है। इसमें यज्ञ, सत्संग और भंडारे की दिव्य त्रिवेणी ने श्रद्धालुओं को भक्ति और अध्यात्म से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मंगलमय स्वस्तिवाचन के साथ हुई। इसके बाद विधिवत लक्ष्मी-नारायण यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रों की गूंज और यज्ञ की पवित्र अग्नि ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया। यज्ञ के पश्चात हुए सत्संग में "पूज्य प्रभुश्री जी" के प्रेरणादायक विचारों और संदेशों ने भक्तों के अंत:करण को छू लिया।
आयोजन के समापन पर श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। स्वामी रामात्मानन्द गिरि, पवन शर्मा, सुधा गर्ग, कीर्ति ऋषि सिंह, राधेश्याम पाटीदार, भूपेन्द्र सिंह, पंडित राम शुक्ला सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। मुख्य यजमान सोनेराम शर्मा जी रहे।
कार्यक्रम में भोपाल और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। इस दौरान आयोजन स्थल पर आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह का विशेष वातावरण निर्मित हुआ। पूज्य प्रभुश्री जी का जीवन सनातन परंपरा के संरक्षण, सेवा और अध्यात्म को समर्पित है। उनका यह संकल्प है कि कोई भी साधनहीन व्यक्ति सेवा से वंचित न रहे। यह आयोजन उसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।
इस प्रकार के आयोजन समाज में न केवल भक्ति, सेवा और संस्कार को बढ़ावा देते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जड़ों को और भी गहरा करते हैं। भोपाल में हुआ यह आयोजन प्रभु प्रेमी संघ के अथक प्रयासों और “पूज्य प्रभुश्री जी” के दिव्य मार्गदर्शन का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा।