27% OBC आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट में कल से रोजाना सुनवाई, दिल्ली में वकीलों की अहम बैठक

OBC Reservation MP
MP OBC Reservation Case : मध्य प्रदेश में 27% अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण मामले में कल (24 सितंबर 2025) से अब सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन सुनवाई होगी। इससे पहले दिल्ली में एक उच्चस्तरीय कानूनी बैठक हुई। इसमें पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी. विल्सन, प्रदेश सरकार के विधि अधिकारी समेत अन्य वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल हुए।
बैठक में बनी रणनीति
बैठक में आगामी सुनवाई में सरकारी पक्ष की ओर से पेश की जाने वाली दलीलों, संवैधानिक प्रावधानों, और तथ्यात्मक आधारों पर गहन चर्चा की गई। इस केस में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता स्वयं सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार का पक्ष रखेंगे।
बैठक के मुख्य बिंदु
- 13% होल्ड पदों पर नियुक्ति की अनुमति के लिए मजबूत कानूनी तर्क
- राज्य में 27% OBC आरक्षण को पूरी तरह लागू करने की संवैधानिक वैधता को स्थापित करना
- सामाजिक न्याय और समान अवसर के अधिकार को मजबूत आधार के रूप में प्रस्तुत करना
मामले का सामाजिक महत्व
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली दलीलों, तथ्यों और संवैधानिक प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। कहा, यह मामला केवल आरक्षण का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व और समान अवसर के संवैधानिक अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए इसे कानूनी के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में अभी OBC वर्ग को 13% आरक्षण दिया जा रहा है। सरकार की मांग है कि इसे बढ़ाकर 27% किया जाए। ताकि, OBC समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके।
क्या है केस की पृष्ठभूमि?
मध्यप्रदेश सरकार ने OBC आरक्षण को 13% से बढ़ाकर 27% करने का निर्णय लिया था। कुछ याचिकाओं के चलते सुप्रीम कोर्ट ने 13% से अधिक आरक्षण को होल्ड पर रख दिया। इससे संबंधित करीब 13% पदों पर भर्ती रुकी हुई है। अब इन पदों पर भर्ती और 27% आरक्षण लागू करने को लेकर कानूनी लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच रही है।
