स्नेहा शंकर की कहानी: रहमान सर संग डेब्यू का सपना हुआ पूरा, पिता राम शंकर बोले- ‘यह मेरी साधना का फल है’

स्नेहा शंकर और राम शंकर से खास बातचीत: रहमान सर संग डेब्यू का सपना हुआ साकार.
मधुरिमा राजपाल
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह के तीसरे दिन सोमवार, 3 नवंबर 2025 को सभागार में जब स्नेहा शंकर ने “याद पिया की आने लगी” के सुर छेड़े, तो पूरा हॉल एक पल को सांस थामे खड़ा हो गया। मंच पर खड़ी यह 19 साल की लड़की कोई साधारण गायिका नहीं, वह शंकर जयकिशन की पोती और राम शंकर की बेटी हैं। समारोह के बाद हरिभूमि की पिता-पुत्री के साथ बातचीत में सामने आया एक ऐसा किस्सा, जो सपने और मेहनत की अनोखी गाथा है।
सपने का पहला प्लेबैक: ठग लाइफ, एआर रहमान
स्नेहा की आंखें चमक उठीं जब उन्होंने बताया, “मुझे आज भी यकीन नहीं होता। मेरा पहला प्लेबैक डेब्यू मणिरत्नम सर की फिल्म ‘ठग लाइफ’ में कमल हासन सर, सिम्बु और तृषा के साथ हुआ और संगीत ऑस्कर विजेता एआर रहमान सर का था। बचपन से मैं उनकी धुनों पर बड़ी हुई। जब उन्होंने फोन पर कहा, ‘स्नेहा, तुम्हारा गाया हुआ पार्ट फाइनल है’, मैं रो पड़ी।”
तीन साल की उम्र से रियाज, छह साल में स्टेज
मुंबई की ऊंची इमारतों के बीच पली स्नेहा ने बताया, “पापा कहते हैं, एक दिन न रियाज करो, तो सात दिन पीछे चले जाते हो। तीन साल की उम्र से रोज सुबह 5 बजे रियाज। छह साल की उम्र में पहली बार स्टेज पर गाया ‘लग जा गले’। दर्शकों की तालियां सुनकर तय कर लिया कि संगीत ही मेरी जिंदगी है।”
इंडियन आइडल 15: श्रेया दीदी की नम आंखें
“इंडियन आइडल ने मुझे खुद को पहचानने का मौका दिया,” स्नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा। “जब मैंने ‘याद पिया की’ गाया, श्रेया घोषाल दीदी की आंखें भर आईं। उन्होंने मंच पर आकर गले लगाया और कहा, ‘तुममें वो जादू है जो सालों में एक बार आता है।’ उस पल मैंने समझा कि मेहनत रंग लाती है।”
पिता राम शंकर: तीनों बच्चे, एक ही सुर
राम शंकर जी ने गर्व से बताया, “मेरे तीनों बच्चे- विष्णु, स्नेहा और छोटी बेटी संगीत से जुड़े हुए हैं। मैंने इन्हें कभी डांटा नहीं, बस संस्कार दिए। कहा, संगीत देवता है, उसका सम्मान करो। स्नेहा ने 14 साल की उम्र में ‘सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स’ जीता, फिर ‘सुपरस्टार सिंगर’। आज रहमान सर के साथ गा रही है। यह मेरी साधना का फल है।”
रिमिक्स पर राम शंकर का तीखा तंज
आजकल के हाई-बीट्स पर राम शंकर ने कहा, “युवा को जो पसंद है, उसे गाओ। लेकिन याद रखो कि जब तक शब्द नहीं होंगे, गीत का कोई वजन नहीं होगा। ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ आज भी दिल छूता है, क्योंकि उसके बोल में जान है। रिमिक्स 30 सेकंड चलता है, असली गीत 70 साल बाद भी गुनगुनाया जाता है।”
स्नेहा का सपना क्या है?
बातचीत की आखिर में स्नेहा ने शरमाते हुए कहा, “अब मेरा अगला सपना खुद का पहला मूल गीत रिकॉर्ड करना है। पापा कहते हैं, ‘जब तक तुम्हारा गीत किसी की आंखें नम न कर दे, काम अधूरा है।’ मैं कोशिश कर रही हूं ।” जब हम विदा ले रहे थे, स्नेहा ने फुसफुसाया, “आज आपने मेरे सपने को शब्द दिए। अब बस उसे दुनिया तक पहुंचाना है।”
