MP Cold Wave: कड़ाके की ठंड के बीच भोपाल-इंदौर समेत कई जिलों में बदला स्कूल टाइम, आदेश सभी स्कूलों पर लागू

Bhopal cold wave: कड़ाके की ठंड के बीच पहली से 8वीं तक का स्कूल टाइम बदला
भोपाल। लगातार बदलते मौसम और गिरते तापमान को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में स्कूल टाइमिंग में बदलाव किया गया है। भोपाल, इंदौर, सागर, उमरिया सहित अन्य जिलों के कलेक्टरों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। निर्देशों के अनुसार, भोपाल जिले में नर्सरी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं अब सुबह 8:30 बजे से पहले संचालित नहीं होंगी।
यह आदेश जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, केंद्रीय विद्यालयों, सीबीएसई सहित अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू रहेगा। शिक्षकों को पूर्व निर्धारित समय पर विद्यालय पहुंचकर अपना नियमित कार्य करना होगा। वहीं कुछ जिलों में यह बदलाव पहली से बारहवीं तक सभी कक्षाओं पर लागू किया गया है।
भोपाल में पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री तक नीचे दर्ज हो रहा है। सुबह के समय कोल्ड वेव जैसे हालात बन रहे हैं, जिस कारण बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी स्कूलों के समय में परिवर्तन किया है।
नए आदेश के मुताबिक, अब भोपाल जिले में चलने वाले सभी सरकारी, प्राइवेट, केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय, सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के स्कूल सुबह 8:30 बजे से पहले शुरू नहीं होंगे।
इन जिलों में स्कूलों का नया टाइम
- इंदौर: सुबह 9 बजे।
- भोपाल: सुबह 8.30 बजे।
- छिंदवाड़ा: सुबह 8.30 बजे।
- ग्वालियर: 1 नवंबर से बदल किया जा चुका है।
- रीवा: 11 नवंबर से सुबह 9 बजे किया गया है।
- अनूपपुर: 12 नवंबर से सुबह 9.30 बजे किया गया है।
- देवास: 11 नवंबर से सुबह 10 बजे से स्कूल संचालित।
प्रशासन ने साफ किया है कि तापमान में निरंतर गिरावट से छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, इसलिए नए समय का पालन सभी संस्थानों के लिए अनिवार्य होगा। आदेश में यह भी उल्लेख है कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू रहेगा और सभी स्कूलों को इसका पालन करना होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो से तीन दिनों में रात का तापमान और नीचे जा सकता है, जबकि सुबह की ठंड में और इजाफा होगा। ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
अभिभावकों ने भी इस फैसले को राहत भरा बताया है, क्योंकि छोटे बच्चों को सुबह-सुबह कड़ाके की ठंड में स्कूल भेजने में कठिनाई हो रही थी। नए टाइमिंग से बच्चों को न केवल अतिरिक्त समय मिलेगा, बल्कि ठंड के ज्यादा असर से भी बचाव हो सकेगा।
