कुर्सी मिला न सम्मान: आदिवासी महिला जनप्रतिनिधि से अभद्रता, कर्मचारी ने अस्पताल से भगाया; देखें Video

सतना में महिला जनप्रतिनिधि के साथ PHC में दुव्यवहार
Kulgarhi PHC Dispute Satna : मध्यप्रदेश के सतना जिले में आदिवासी महिला जनप्रतिनिधि से दुव्यवहार की घटना सामने आई है। जिला पंचायत सदस्य विमला कोल 16 जुलाई को कुलगढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) का औचक निरीक्षण करने पहुंचीं, लेकिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता नित्यानंद पाठक ने उनके साथ अभद्रता करते हुए भगा दिया। घटना से विमला के समर्थकों में खासा आक्रोश है। सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने जांच के निर्देश दिए हैं।
न कुर्सी दी, न सम्मान: रजिस्टर छुपाया
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विमला कोल जब PHC पहुंचीं तो उन्होंने वहां उपस्थित कर्मचारियों की संख्या और हाजिरी रजिस्टर की जानकारी मांगी, लेकिन नित्यानंद पाठक ने उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी। उल्टा रजिस्टर अलमारी में छिपा दिया और यहां से जाइए कहकर PHC से बाहर निकालने की कोशिश की।
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कर्मचारी बोला-मैं पहचान नहीं पाया
इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. एलके तिवारी को सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल उचेहरा बीएमओ डॉ. एके राय को जांच के निर्देश दिए। कर्मचारी नित्यानंद पाठक का कहना है कि वह जनप्रतिनिधि को पहचान नहीं पाया, जबकि गांव वालों का कहना है कि जनप्रतिनिधि का घर PHC से चंद कदम की दूरी पर है, और पूरे क्षेत्र में उनका चेहरा जाना-पहचाना है।
सतना जिले की कुलगढ़ी PHC में निरीक्षण करने पहुंची जिला पंचायत सदस्य विमला कोल से दुर्व्यवहार। स्वास्थ्य कर्मचारी ने अस्पताल से लौटाया। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक क्लिक करें...https://t.co/xUkllRO1ZK pic.twitter.com/NIdcwrwbcJ
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) July 19, 2025
विमला कोल ने पूछा मेरा क्या कसूर
जिला पंचायत सदस्य विमला कोल ने बताया कि मैं जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ एक महिला और आदिवासी परिवार से आती हूं। मेरे साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, वो सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरे समुदाय का अपमान है।
क्या यह सिर्फ पहचान की गलती थी?
घटना ने राजनीतिक और सामाजिक चेतना को झकझोर दिया है। एक निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार दर्शाता है कि सिस्टम में अभी भी जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक संवेदनहीनता व्याप्त है। क्या कर्मचारी का यह कहना कि मैं पहचान नहीं पाया पर्याप्त सफाई है। जबकि गांव के बच्चे तक उन्हें जानते हैं?
CMHO का ऐलान: होगी निष्पक्ष जांच
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तिवारी ने मीडिया को बताया कि हमारी प्राथमिकता है कि किसी जनप्रतिनिधि या आमजन के साथ कोई भी कर्मचारी दुर्व्यवहार न करे। मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
