सार्थक हॉस्पिटल: ऑपरेशन के बाद बिगड़ी मरीज की तबीयत, भोपाल में करानी पड़ी री-सर्जरी; परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

सार्थक हॉस्पिटल के डॉ सुमित अग्रवाल के खिलाफ मनमानी का आरोप।
MP News: सतना के रीवा रोड स्थित सार्थक हॉस्पिटल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां उपचार के बाद पन्ना निवासी पवन जैन गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। परिजनों ने डायरेक्टर सुनील अग्रवाल और उनके बेटे डॉ सुमित अग्रवाल के खिलाफ मनमानी का आरोप लगाया है। बेटी आयुषी का कहना है कि गलत सर्जरी के दौरान लीवर में इनफेक्श्न और पित्ताशय में मवाद बन गई है। जिस कारण भोपाल में भर्ती कराना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
आयुषी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी पूरा घटनाक्रम साझा किया है। उन्होंने बताया कि पिता जी को पेटदर्द की समस्या थी। जांच कराने पर पता चला कि पित्ताशय में पथरी (स्टोन) है। लिहाजा, 15 जुलाई को सतना के सार्थक हॉस्पिटल में दिखाया। यहां रेडियोलॉजिस्ट डॉ अविनाश श्रीवास्तव ने सोनेग्राफी की, लेकिन प्रिंट (रिपोर्ट) नहीं दी। डॉ सुमित अग्रवाल से संपर्क करने को कहा।
बिना टेस्ट किए ऑपरेशन थिएटर में ले गए
डॉ सुमित अग्रवाल ने कहा, सर्जरी करानी पड़ेगी। उन्होंने 22 जुलाई को दोबारा बुलाया और बोले-लेजर सर्जरी कर स्टोन निकाल देंगे। इसमें ज्यादा परेशानी नहीं होती। ऑपरेशन के एक-दो दिन बाद डिस्चार्ज कर देंगे, लेकिन हम लोग जब 22 जुलाई को पापा को लेकर सार्थक हॉस्पिटल पहुंचे तो कोई मेडिकल टेस्ट नहीं किए गए। शाम 6 बजे उन्हें सीधे ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया।
आयुषी के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया था कि 45 मिनट में सर्जरी हो जाएगी, लेकिन पापा को साढ़े तीन घंटे ऑपरेशन थिऐटर में रखा। इस बीच डॉ सुमित अग्रवाल बाहर निकले आए और कहने लगे ओपन सर्जरी करनी पड़ेगी। फिर बिना बताए ही उन्होंने ऑपरेशन क्लोज कर दिया। बोले-एक दो चीरा ही लगाया है, कुछ नहीं किया।
सतना जिला मुख्यालय के सार्थक हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से मेरे पापा की हालत बिगड़ी है, मेडिकल लापरवाही ऐसी कि जान पर बात आ गई, आप व्हिडिओ देखें, ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो..@CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 #sarthakhospital #satna
— Ayushi jain (@Jain_Ayushi_) August 19, 2025
#आयुषी_की_कलम_से
मरीज की हालत बिगड़ी, भोपाल में कराना पड़ा भर्ती
आयुषी जैन ने डॉ प्रमोद पाठक के हवाले से बताया कि हमने जनरल एनेस्थीसिया दिया है। जबकि सुमित अग्रवाल ने स्पाइनल एनेस्थीसिया देने की बात कही। जबकि, यह इस ऑपरेशन में नहीं दिया जाता। डॉक्टर की इस लापरवाही से पवन जैन को दो दिन ICU में रहना पड़ा। इस कारण उनका ऑक्सीजन और पल्स रेट गिर गया। उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। उन्हें लगातार 5 दिन तक ब्लीडिंग होती रही। हमने डॉक्टर से पूछा तो बोले-ऐसा होता ही है।
सर्जरी के बाद कोई जांच नहीं की। डॉ प्रमोद पाठक ने अच्छी जगह जाकर जांच कराने की सलाह दे रहे थे। सुमित अग्रवाल बेहोशी की हालत में ही डिस्चार्ज करने लगे। हम लोग लगातार 5 दिन परेशान होते रहे। लेकिन जब भोपाल के एमकेएम हॉस्पिटल में दिखाया तो डॉक्टरों ने लीवर में इन्फेक्श्न और पित्ताशय में मवाद होने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि यह समस्या ऑपरेशन में लापरवाही के कारण हुई है।
डॉक्टरों का पक्ष
सार्थक हास्पिटल के डॉ. सुमित अग्रवाल ने मामले में सफाई दी है। कहा, पवन जैन का ऑपरेशन मैंने नहीं बल्कि, डॉ राजीव पाठक और डॉ प्रमोद पाठक ने किया है। मैं उन्हें असिस्ट कर रहा था। सर्जरी के दौरान पता चला कि उन्हें क्रिटकल समस्या है, जिसका समाधान लेजर सर्जरी में संभव नहीं था। हमने ओपर सर्जरी के लिए परिजनों से अनुमति मांगी, लेकिन वह राजी नहीं हुए। इसलिए उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। हमने उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपना बेस्ट करने की कोशिश की है। गलत ऑपरेशन का आरोप निराधार है।
