रीवा प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: बिना अनुमति चल रहा संजीवनी अस्पताल सील, संचालक पर FIR

MP News: रीवा शहर में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर बिना पंजीयन संचालित “संजीवनी हॉस्पिटल एवं चेस्ट केयर सेंटर” को सील कर दिया गया। यह अस्पताल न तो किसी सरकारी अनुमति से पंजीकृत था और न ही इसके पास जरूरी दस्तावेज मौजूद थे।
जांच में सामने आया कि अस्पताल का संचालन संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ सह प्राध्यापक डॉ. मुकेश तिवारी की पत्नी के नाम पर किया जा रहा था। मौके पर जांच टीम ने पाया कि यहां ओपीडी, एक्स-रे और जांच सुविधाएं बिना रजिस्ट्रेशन के चलाई जा रही थीं। इतना ही नहीं, अस्पताल परिसर में दवाइयों की बिक्री भी हो रही थी, जबकि वहां कोई फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
जांच टीम पर अभद्रता के बाद कड़ा एक्शन
स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पहले अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था और जांच के लिए टीम भेजी थी। उस दौरान प्रबंधन ने टीम के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिसके बाद मामला गंभीर हो गया।
इसी के चलते शुक्रवार को प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। टीम ने पंचनामा तैयार कर अस्पताल को सील कर दिया और डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश जारी किए।
प्रशासन सख्त, छिंदवाड़ा हादसे के बाद बढ़ी निगरानी
छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना के बाद मध्यप्रदेश प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रदेशभर में निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स की जांच तेज कर दी गई है। रीवा में भी बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल दुकानों को सीज किया जा रहा है और गैर-पंजीकृत अस्पतालों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
गली-मोहल्लों में चल रहे अवैध हॉस्पिटल्स पर भी शिकंजा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रीवा शहर में कई गली-मोहल्लों में बिना अनुमति निजी नर्सिंग होम और हॉस्पिटल संचालित किए जा रहे हैं। सभी ऐसे संस्थानों की जांच की जा रही है। जहां भी नियमों का उल्लंघन मिलेगा, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।
SDM डॉ. अनुराग तिवारी का बयान
“यह अस्पताल बिना किसी अधिकृत पंजीयन के संचालित हो रहा था, जो गंभीर लापरवाही है। कलेक्टर के निर्देश पर डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।”
