Video वायरल: BJP विधायक ने मुस्लिम समुदाय पर किया बड़ा खुलासा; बताया सतना में क्यों मिली पार्टी को हार

BJP विधायक ने मुस्लिम समुदाय पर किया बड़ा खुलासा; बताया सतना में क्यों मिली पार्टी को हार
BJP MLA Muslim voters controversy: मध्य प्रदेश में रीवा जिले की त्योंथर से बीजेपी विधायक नरेंद्र प्रजापति का विवादित बयान सामने आया है। उनका आरोप है कि मुश्लिम समाज के लोग भाजपा को वोट नहीं देते। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। विपक्ष ने विधायक की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं।
त्योंथर विधायक नरेंद्र प्रजापति के मुताबिक, रीवा जिले में मुस्लिम केवल राजेंद्र शुक्ल और दिव्यराज सिंह को ही वोट देते हैं। अन्य भाजपा प्रत्याशियों को वह वोट नहीं करते। सतना विधानसभा सीट से गणेश सिंह का मिली चुनावी हार को इसका प्रमुख कारण बताया। कहा, गणेश सिंह सिर्फ मुस्लिम इलाके से हारे हैं।
मनगंवा विधायक नरेंद्र प्रजापति का विवादित बयान "मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देता" न केवल विभाजनकारी है, बल्कि संविधान की शपथ का अपमान भी करता है। संविधान की शपथ लेने वाला जनप्रतिनिधि जाति-धर्म से ऊपर उठकर देशहित में काम करता है, लेकिन प्रजापति का यह कथन बीजेपी की नीति—'जाति-धर्म… pic.twitter.com/sIQtG96IYb
— Nitesh Agnihotri (@NiteshkumarAgn4) August 4, 2025
वायरल वीडियो में क्या कहा विधायक ने?
- विधायक प्रजापति ने यह बात एक मुस्लिम युवक से बात करते हुए कही है। वायरल वीडियो में उन्होंने कहा, आप लोग सिर्फ दो नेताओं को ही राजा मानते हो, बाकी भाजपा नेताओं को वोट ही नहीं करते।
- युवक ने विधायक से कहा, उसने व्यक्तिगत आस्था को दरकिनार कर उनकी मदद की थी। इसके बावजूद उसे कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। युवक ने यह भी कहा कि अगर वोट देने के बावजूद आप जैसे विधायक यह कहेंगे कि हमने वोट नहीं दिया तो मजबूरी में हमें कुछ और सोचना पड़ेगा।
सांसद की हार पर मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया
विधायक नरेंद्र प्रजापति ने दावा किया कि सतना विधानसभा सीट से भाजपा सांसद गणेश सिंह की हार नजीराबाद क्षेत्र के मुस्लिम वोटर्स के कारण हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि देवतालाब के मुस्लिम भाजपा को तभी वोट देते हैं जब मनगवां से जाकर कोई उन्हें मनाता है।
पार्टी की ओर से अभी तक चुप्पी
वायरल वीडियो को लेकर भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे लेकर बहस तेज हो गई है और विपक्षी दलों को एक नया मुद्दा मिल गया है।
