हनुमान भाटा: पवई के ऐतिहासिक मंदिर तक नहीं बनी सड़क, धार्मिक पर्यटन का सपना अधूरा

हनुमान भाटा : पवई में धार्मिक पर्यटन के विकास का सपना अधूरा, प्रसिद्ध मंदिरों तक नहीं बनी सड़क
Hanuman Bhata Pawai Tourist Spot : मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पवई के पास स्थित प्राचीन हनुमान भाटा सिद्ध स्थल वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। लेकिन आज भी यह स्थल बुनियादी सुविधा, खासकर पहुंच मार्ग के अभाव में विकास से वंचित है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की मांग पर मार्ग निर्माण के लिए राशि तो स्वीकृत कर दी गई, लेकिन निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है।
हनुमान भाटा का महत्व क्या है?
- पवई मोहंद्रा मार्ग स्थित हनुमान भाटा न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यहां त्रिदेवों के संगम के रूप में विराजित आदमकद प्रतिमाएं (बजरंगबली, भगवान महाकालेश्वर और भगवान नरसिंह) इस स्थान को अद्वितीय बनाती हैं। ये प्रतिमाएं चंदेल कालीन समय की बताई जाती हैं।
- हर मंगलवार और शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना के लिए यहां पहुंचते हैं। 1 जनवरी को नए साल पर लाखों भक्त दर्शन के लिए इस दुर्गम पहाड़ी पर चढ़ाई करते हैं।
सीढ़ियों के सहारे कठिन चढ़ाई
वर्तमान में इस स्थल तक पहुंचने के लिए सिर्फ सीढ़ी मार्ग है। बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए इन सीढ़ियों से चढ़कर जाना बेहद मुश्किल भरा हो जाता है। इन श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वर्षों से सुलभ पहुंच मार्ग की मांग उठाई जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों ने गंभीरता नहीं दिखाई।
राशि स्वीकृत, काम शुरू नहीं
हनुमान भाटा पहुंच मार्ग के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी निर्माण कार्य शुरू नहीं करा रहे। जबकि, यह राशि सांसद-विधायक समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल पर स्वीकृत हुई है। सड़क निर्माण न शुरू होने से भक्तों में नाराजगी है।
प्रस्तावित मार्ग पर विवाद और नया सुझाव
- हनुमान भाटा के लिए पूर्व में प्रस्तावित मार्ग हड़ा रमपुरा होते हुए जंगल के रास्ते से बनना था, जिसकी दूरी करीब 30-35 किमी पड़ती थी, लेकिन सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने इस पर आपत्ति जताई। जिसके बाद नया प्रस्ताव कन्या छात्रावास के पीछे से रास्ता बनाने का दिया गया, इसकी दूरी केवल 8-10 किमी होगी।
- लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दिया है। लेकिन अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि बारिश के बाद कार्यवाही में कितनी तेजी आती है।

जनआक्रोश और श्रद्धालुओं की पीड़ा
स्थानीय निवासी बृजेश नामदेव ने कहा, हनुमान जी के प्रति यहां के लोगों की अपार श्रद्धा है, लेकिन दुर्गम पहाड़ी के कारण कई बुजुर्ग दर्शन नहीं कर पाते। रास्ता जल्द बनना चाहिए। वहीं पंकज खरे ने बताया कि मंगलवार और शनिवार को हजारों श्रद्धालु आते हैं। सीढ़ियों से चढ़ना कठिन होता है। अगर पहुंच मार्ग बन जाए तो यह धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
हनुमान भाटा पहुंच मार्ग क्यों जरूरी है?
- मुकेश रजक ने प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा, राशि स्वीकृत होने के बावजूद काम न होना दुखद है। यह प्रशासनिक लापरवाही दर्शाता है। अगर इस मार्ग का निर्माण शीघ्र होता है तो न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
- हनुमान भाटा जैसे प्राचीन धार्मिक स्थल के लिए सड़क मार्ग का निर्माण सिर्फ सुविधा का विषय नहीं है, यह लोक आस्था, धार्मिक विरासत और स्थानीय विकास से भी जुड़ा है। अब देखना होगा कि बारिश के बाद प्रशासन इसे प्राथमिकता देता है या यह योजना फिर फाइलों में ही धूल फांकती रहेगी।
क्या कहते हैं अधिकारी?
लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रभारी एसडीओ आरएम बागरी ने बताया कि हनुमान भाटा पहुंच मार्ग के लिए दोबारा सर्वे कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई है। बारिश सीजन समाप्त होने के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके का निरीक्षण करने आएंगे। इसके बाद सड़क निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
