Exclusive: लोकसभा चुनाव से पहले छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर विक्रम अहाके ने बड़ा कदम उठाते हुए कमलनाथ, नकुलनाथ और कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। विक्रम का लंबे समय से कमलनाथ परिवार से पारिवारिक नाता रहा है। यही वजह है कि उनके सानिध्य में वे महापौर की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब रहे। उनका कहना है कि जब देश के मन में मोदी तो मेरे भी मन में मोदी हैं, इसलिए मैं भाजपा से जुड़ गया। विधानसभा में जिले की सभी सीटें इसलिए कांग्रेस जीती थी कि लोगों के मन में एक मानस था कि कमलनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे, पर अब चुनाव देश का है। उन्होंने यह फैसला देश के मानस और छिंदवाड़ा को नई दिशा देने को लेकर लिया है। यह बात उन्होंने ‘हरिभूमि’ और ‘आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही।

सवाल: जो शख्स कांग्रेस के बूते महापौर बना, अब वह भाजपा में क्यों चले गए?
जवाब:
कमलनाथ हमारे वरिष्ठ नेता रहे हैं और जो कुछ भी हूं मैं उन्हीं की वजह से हूं। मुझे जिन उम्मीदों के साथ जनता ने चुना है, तो मेरा पहला कर्तव्य है कि जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करूं, लेकिन मैं उनके कार्य नहीं कर पा रहा हूं। छिंदवाड़ा को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाना है, तो इसमें केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग जरूरी है। जिस तरीके से केंद्र मे पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार चल रही है, उससे मन प्रभावित हुआ और मैंने यह निर्णय लिया। मैं भाजपा में गया, इसके लिए छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू की भूमिका अहम रही। प्रदेश के अन्य भाजपा नेताओं से भी संपर्क हुआ।

सवाल: अब आप भाजपा में चले गए, तो कमलनाथ और नकुलनाथ का सामना कैसे करोगे?
जवाब:
कमलनाथ और नकुलनाथ मेरे सम्मानीय हैं और रहेंगे। यह निर्णय लिया वह जनता की भावनाओं को देखकर लिया गया है न कि कमलनाथ और नकुलनाथ की वजह से लिया है। अब भाजपा के िलए काम करेंगे, लेकिन मेरे दिल में जो उनके लिए जगह थी, वह हमेशा रहेगी। इससे ज्यादा मैं कमलनाथ और नकुलनाथ के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहता हूं। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के विकास के िलए बहुत काम किया है। इसमें कोई दोमत नहीं है। 



सवाल: नकुलनाथ 5 साल सांसद रहे, उनका सांसद का कार्यकाल कैसा रहा?
जवाब:
नकुलनाथ छिंदवाड़ा के सांसद हैं, उन्होंने क्या काम किए, जनता इसका अभी के चुनाव में जवाब दे देगी। नकुलनाथ की तुलना हमेशा कमलनाथ से की जाती है और उसी उम्मीद के साथ जनता ने उन्हें चुना था। मैं उनके 5 साल के कार्यकाल का जवाब नहीं दे सकता, लेकिन आने वाले समय में जनता उनका हिसाब करेगी। मैं जनता के बीच सरकार की योजनाओं को लेकर जाऊंगा और वोट मांगूंगा। छिंदवाड़ा का विकास भाजपा के विजन से अछूता रहा है। इसलिए अगर छिंदवाड़ा का सांसद भी भाजपा का बनेगा, तो यहां के विकास को पंख लगेंगे। अब डबल इंजन की सरकार के साथ छिंदवाड़ा को जाना चाहिए। इससे यहां के विकास को और रफ़्तार मिलेगी।  

सवाल: जब भाजपा में शामिल होने भोपाल के लिए निकले, तो कमलनाथ या जीतू पटवारी ने रोका नहीं? 
जवाब:
निश्चित तौर पर जब कोई भी व्यक्ति लंबे समय से जुड़ा हो, तो दुख तो होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से फोन तो काफी आए, लेकिन जब मन में मोदी हैं, तो क्या किसी से बात करना है। कमलनाथ ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया है और जब मैंने भाजपा में जाने का निर्णय लिया तो हो सकता उनका मन दुखी हुआ हो, इसी वजह से उन्होंने मुझे फोन नहीं किया हो। मैं इतना बड़ा नेता नहीं हूं कि कमलनाथ और नकुलनाथ को भाजपा में जाने की बात कहूं। यह उनका अपना विचार है। मुझे तो अब छिंदवाड़ा के विकास के लिए काम करना है।

सवाल: कमलेश शाह को नकुलनाथ ने गद्दार बोला है, आपका नंबर भी आने वाला है क्या? 
जवाब: कमलेश शाह आदिवासी समाज की पहचान हैं। वे राज परिवार से हैं। उन्होंने तीन पीढ़ियों से कांग्रेस का साथ दिया है और कांग्रेस की विचारधारा के साथ चले हैं। अब अगर वे स्वयं विवेक से कोई निर्णय लेते हैं, तो उनके लिए ऐसे शब्द बोलना अशोभनीय है। उन्होंने जो भी बोला वह ठीक नहीं है। मेरे बारे में वे क्या बोलेंगे यह मैं उन्हें नहीं समझा सकता। वे स्वयं समझदार हैं।

सवाल: लोकसभा चुनाव को लेकर मप्र में क्या देख रहे हैं?
जवाब: 
पिछली बार भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 लोकसभा सीटें जीती थीं। इस बार निश्चित तौर पर भाजपा 29 की 29 सीटें जीतेगी। पिछले बार छिंदवाड़ा छूट गई थी, वह भी इस बार भाजपा के खाते में जाएगी। बंटी साहू यहां से जीतकर लोकसभा में पहुंचेंगे। विधानसभा चुनाव में बंटी साहू हारे थे, उस समय परिस्थिति अलग थीं और इस चुनाव में हालात अलग हैं। उस चुनाव में जिले की जनता ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री के नाम पर वोट दिया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव राष्ट्र और मोदी के लिए है, इसलिए जनता भाजपा को वोट करेगी।