नगर गौरव दिवस की चकाचौंध में खाली हुआ नगर पालिका का खजाना: आज बदहाली झेल रहे सफाई कर्मचारी, जिला प्रशासन पर उठे सवाल

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नरसिंहपुर में नगर गौरव दिवस 2022 के नाम पर नगर पालिका से 70 लाख से ज्यादा खर्च किए जाने का आरोप। 

नरसिंहपुर में नगर गौरव दिवस 2022 के नाम पर नगर पालिका से 70 लाख से ज्यादा खर्च किए जाने का आरोप। RTI में खुलासा, आज वेतन और सुविधाओं को तरस रहे सफाई कर्मचारी हड़ताल पर। जिला प्रशासन की भूमिका सवालों में।

नरसिंहपुर/गणेश प्रजापति। मई 2022 में आयोजित नगर गौरव दिवस आज नगर पालिका नरसिंहपुर के लिए एक भारी बोझ बन चुका है। जिस आयोजन को शहर की पहचान और गौरव के तौर पर पेश किया गया था, उसी के नाम पर नगर पालिका के खजाने से बेतहाशा खर्च हुआ, जिसकी मार अब सफाई कर्मचारियों और आम नागरिकों को झेलनी पड़ रही है।

उस समय जिले के कलेक्टर और नगर पालिका प्रशासक रहे रोहित सिंह की अगुवाई में भव्य आयोजनों की श्रृंखला चलाई गई। प्रशासनिक दिखावे के इन कार्यक्रमों ने सुर्खियां तो बटोरीं, लेकिन नगर की बुनियादी व्यवस्थाओं को कमजोर कर दिया।


नगर गौरव दिवस 2022: भव्य आयोजन, भारी खर्च

नगर गौरव दिवस के दौरान नरसिंह मंदिर और नरसिंह तालाब को नगर की पहचान बताते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें तालाब की सफाई, नहर से नर्मदा जल का तालाब में प्रवाह, तालाब की आरती, बीच तालाब में फव्वारे, पतंग उत्सव, नगर रैली और नागपुर के प्रसिद्ध बैंड ‘शिव गर्जना’ का प्रदर्शन शामिल रहा। इन सभी कार्यक्रमों का खर्च सीधे नगर पालिका के खाते से किया गया।

RTI में हुआ बड़ा खुलासा

आरटीआई कार्यकर्ता एवं पत्रकार ताराचंद पटेल द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दस्तावेजों के अनुसार, नगर गौरव दिवस के नाम पर करीब 70 से 72 लाख रुपये का भुगतान किया गया। यह पूरी राशि नगर पालिका के फंड से खर्च हुई, जबकि आज उसी नगर पालिका के पास सफाई कर्मचारियों के वेतन और संसाधनों के लिए पैसे नहीं हैं।


न बदला तालाब, न सुधरी शहर की हालत

जिस नरसिंह तालाब के “कायाकल्प” का दावा किया गया था, उसकी स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। न स्थायी सुधार हुआ और न ही शहर की मूल समस्याओं का समाधान। उल्टा, इसी दौरान गरीबों के मकान तोड़े गए, जिनका मुआवजा आज तक लंबित है।

सफाई कर्मचारी हड़ताल पर, शहर में कचरे का अंबार

वर्तमान में नगर पालिका की आर्थिक हालत बेहद खराब है। सफाई कर्मचारी वेतन, उपकरण और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते शहर की गलियों और सड़कों पर कचरे का ढेर लग गया है। सफाई कर्मचारियों की इस हड़ताल को ब्लॉक कांग्रेस का समर्थन भी मिला है।


जिला प्रशासन की जिम्मेदारी तय होगी?

  • सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर गौरव दिवस के नाम पर हुए इस भारी खर्च की जिम्मेदारी कौन लेगा?
  • क्या इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी?
  • क्या तत्कालीन अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी?

आज नगर गौरव दिवस, नगर के सफाई कर्मचारियों और गरीब नागरिकों के लिए “नगर अपमान दिवस” बनकर रह गया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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