नरसिंहपुर: नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन बेलगाम, सांसद के निर्देश बेअसर, खनिज विभाग पर सवाल

Narsinghpur Narmada River illegal sand mining
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेत माफिया, खनिज विभाग और प्रशासन की कथित मिलीभगत से नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी से खुलेआम अवैध उत्खनन हो रहा है। (फाइल फोटो)

नरसिंहपुर में नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन थम नहीं रहा। सांसद के निर्देशों के बावजूद खनन जारी, खनिज विभाग और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल।

Narsinghpur Narmada River illegal sand mining: नरसिंहपुर जिले में जीवनरेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि प्रशासनिक दावों और जनप्रतिनिधियों के निर्देशों के बावजूद नदी का सीना दिन-रात छलनी किया जा रहा है। यह स्थिति अब केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि गंभीर पर्यावरणीय संकट का रूप लेती जा रही है।

नर्मदा के अस्तित्व पर मंडराता खतरा

लगातार हो रहे अवैध उत्खनन से नर्मदा नदी का प्राकृतिक संतुलन तेजी से बिगड़ रहा है। भारी मात्रा में रेत निकाले जाने से नदी की गहराई और बहाव पर असर पड़ रहा है। वहीं, रेत से लदे ट्रकों की आवाजाही के कारण आसपास के गांवों की सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। धूल, शोर और प्रदूषण ने ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर दिया है।

माफिया और प्रशासन की मिलीभगत के आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेत माफिया खनिज विभाग और प्रशासन की कथित मिलीभगत से खुलेआम अवैध उत्खनन कर रहे हैं। दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक खनन का यह खेल जारी रहता है और इससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद खनिज विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नहीं होती, जिससे माफियाओं के हौसले और बुलंद हो रहे हैं।

खनिज विभाग की भूमिका पर सवाल

अवैध उत्खनन रोकने की जिम्मेदारी जिस खनिज विभाग पर है, वही विभाग इस पूरे मामले में कमजोर नजर आ रहा है। आरोप है कि विभागीय अमला माफियाओं के आगे नतमस्तक है और कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रह गई है। इससे जिला प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सांसद के निर्देश भी साबित हुए बेअसर

जिले के लोगों को सांसद से बड़ी उम्मीद थी, क्योंकि उन्होंने नर्मदा में हो रहे अवैध खनन का मुद्दा सार्वजनिक मंचों पर उठाया था। हाल ही में दिशा समिति की बैठक के बाद सांसद ने दावा किया था कि खनिज विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं और नर्मदा में किसी भी कीमत पर खनन नहीं होने दिया जाएगा।

हालांकि, जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट नजर आ रही है। निर्देशों के कुछ ही दिनों बाद उत्खनन की गतिविधियां और तेज हो गईं, जिससे लोगों में निराशा और आक्रोश दोनों बढ़ रहे हैं।

कब रुकेगा अवैध खनन?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब अवैध उत्खनन खुलेआम हो रहा है, तो अब तक ठोस और प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं हुई। क्या कानून माफियाओं के सामने कमजोर पड़ चुका है?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में नर्मदा को होने वाला नुकसान अपूरणीय होगा, जिसकी भरपाई संभव नहीं होगी।

रिपोर्ट: गणेश प्रजापति

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