MPPSC टॉपर देवांशु शिवहरे: गांव से टॉप तक की प्रेरक कहानी, IAS बनने का है अगला लक्ष्य

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कौन हैं देवांशु शिवहरे, MPPSC-2024 में जिन्होंने किया टॉप; पढ़ें सक्सेस स्टोरी

MPPSC 2024 टॉपर देवांशु शिवहरे ने गांव से निकलकर राज्य में टॉप रैंक हासिल की। पढ़ें उनकी प्रेरक कहानी, IAS बनने का है अगला लक्ष्य।

Devanshu Shivhare Success Story: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2024 की परीक्षा में टॉप रैंक लाकर विजयपुर के देवांशु शिवहरे ने न सिर्फ श्योपुर जिले का नाम रोशन किया, बल्कि वह उन युवाओं के लिए मिसाल बने हैं, जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं। देवांशु ने 1685 में से 953 अंक हासिल कर इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

गांव से निकलकर टॉपर बनने तक की यात्रा

देवांशु के पिता रामकृष्ण शिवहरे विजयपुर सिविल अस्पताल में नेत्र चिकित्सक सहायक हैं, जबकि मां पूनम शिवहरे नर्सिंग ऑफिसर हैं। विजयपुर में शुरुआती शिक्षा लेने के बाद वह रायसेन जिले की नवोदय विद्यालय बाड़ी से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी इंदौर से सिविल इंजीनियरिंग (B.Tech) की डिग्री ली।

बिना कोचिंग डिप्टी कलेक्टर बने देवांशु

सिविल सेवा को लक्ष्य बनाकर देवांशु ने किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं लिया, बल्कि रिश्तेदार दीपक शिवहरे के मार्गदर्शन में घर से ही तैयारी शुरू की। दीपक कैलारस के रहने वाले हैं और खुद लंबे समय तक इंदौर में MPPSC की तैयारी कर चुके हैं।

MPPSC-2022 में मिली पहली सफलता

देवांशु को पहली सफलता MPPSC-2022 में मिली। इस परीक्षा में उनका चयन वाणिज्य-कर निरीक्षक (Commercial Tax Inspector) पद पर हुआ था। मेन्स एक्जाम में 1400 में से 758 अंक प्राप्त कर उन्होंने चौथी रैंक हासिल की थी। हालांकि, इंटरव्यू में सिर्फ 63 अंक मिलने के कारण फाइनल रैंकिंग में वह पिछड़ गए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी।

IAS है अगला लक्ष्य

अब जबकि MPPSC 2024 में देवांशु ने टॉप रैंक हासिल की है, ऐसे में देवांशु का अगला लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) बनना है। वे UPSC की तैयारी भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सपने बड़े हों तो मेहनत भी बड़ी होनी चाहिए।

परिवार का साथ बना ताकत

देवांशु के माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया। खास बात ये कि उनकी मां पूनम शिवहरे ने अपने दोनों बेटों के समझदार बनाने के बाद 2014 में नर्सिंग में ग्रेजुएशन कर नौकरी प्राप्त की है। छोटे बेटे अक्षत शिवहरे ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से बीएससी की है। देवांशु से प्रेरित होकर वह भी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं।

देवांशु की चचेरी बहन भी PCS अधिकारी

देवांशु के पिता रामकृष्ण शिवहरे ने बताया कि परिवार में पढ़ाई लिखाई का महौल पहले से है। मेरी दो भतीजियां MPPSC में चयनित हो चुकी हैं। नेहा शिवहरे खरगोन में PCS अधिकारी हैं, जबकि उनकी छोटी बहन महिला विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

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