लंदन से पढ़ाई, रॉयल लाइफ: जानें कौन हैं MPCA अध्यक्ष महाआर्यमन सिंधिया ? दादा-पिता का तोड़ा रिकॉर्ड

MPCA के सबसे युवा अध्यक्ष बने महाआर्यमन सिंधिया, दादा-पिता का तोड़ा रिकॉर्ड
Mahaaryaman Scindia MPCA: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने क्रिकेट की सियासत में नया इतिहास रचा है। मंगलवार, 2 सितम्बर को उन्हें मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। महज 29 साल की उम्र में यह पद हासिल कर उन्होंने अपने पिता और दादा (माधवराव सिंधिया) का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
दरअसल, मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में सिंधिया परिवार का हमेशा से दखल रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और माधवराव सिंधिया भी यह MPCA की कमान संभाल चुके हैं। ज्योतिरादित्य ने यह दायित्व 35 और माधवराव ने 37 साल की उम्र में संभाला था। जबकि, महाआर्यमन सिंधिया ने महज 29 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल कर लिया।
VIDEO | Indore: Mahanaryaman Scindia, son of Union Minister Jyotiraditya Scindia, elected unopposed as the youngest president of the Madhya Pradesh Cricket Association, says, "All the past presidents have done tremendous work, and I will try to take that legacy forward to make… pic.twitter.com/rWXOGG5wID
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
महाआर्यमन की ताजपोशी के दौरान पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके साथ मौजूद रहे। बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व जताया। साथ ही महाआर्यमन के गले में गमछा डालकर अभिवादन किया। महाआर्यमन सिंधिया MPCA के इतिहास में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने हैं।
महाआर्यमन सिंधिया की शिक्षा
महाआर्यमन सिंधिया का जन्म 17 नवंबर 1995 को हुआ था। अपनी शुरुआती पढ़ाई उन्होंने दून स्कूल देहरादून से की। फिर येल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस एंड गवर्नमेंट में बैचलर डिग्री हासिल की। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई की है।

महाआर्यमन सिंधिया का करियर
महाआर्यमन सिंधिया ने अपने करियर की शुरुआत मैक्रो एडवाइज़री पार्टनर्स में बतौर इंटर्नशिप की। उनके पास बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में कॉर्पोरेट अनुभव और अरुण जेटली के अधीन राजनीतिक अनुभव भी है। एसबीआई, जिंदल स्टील वर्क्स और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के साथ भी काम किया है।
एक उद्यमी और विरासत के संरक्षक
अंडर साउंड्स एंटरटेनमेंट की स्थापना कर सर्कल, सिम्बल रोटेशन्स और ऑसिलेट के सहयोग से ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लोगों को प्रेरित किया। ग्वालियर के जय विलास पैलेस में प्रवास कार्यक्रम कराया।
60 सदस्यीय शांति सम्मेलन
भारत और पाकिस्तान के बीच शांति पहल 'कोशिश' की स्थापना की। उन्होंने ट्रैक-II कूटनीति का उपयोग कर 60 सदस्यीय शांति सम्मेलन की मेजबानी की। इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के स्कूली छात्र शामिल हुए और उपमहाद्वीपीय संबंधों और युवाओं पर इसके प्रभावों पर चर्चा की।

महाआर्यमन ने 2022 में, 'MYMandi' नामक कृषि स्टार्टअप शुरू किया, जो किसानों और विक्रेताओं को सीधे जोड़ने का काम करता है। ग्वालियर में सिंधिया स्कूल के बोर्ड सदस्य के तौर पर भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
राजनीतिक विरासत की अगली कड़ी
महाआर्यमन क्रिकेट और संगीत के साथ सियासत में भी गहरी समझ रखते हैं। 2020 में उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए तो महाआर्यमन ने खुले तौर पर उनका समर्थन किया। पिता के इस फैसले को साहसिक बताया। कहा, उनका परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा।
चुनाव प्रचार में अग्रणी भूमिका
मध्य प्रदेश में 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव हों या फिर 2019 और 2024 का लोकसभा चुनाव महाआर्यमन ने चुनाव प्रचार में अग्रणी भूमिका निभाई है। कैम्पेन की रणनीति बनाने के साथ वह गांव की गलियों तक पहुंचे और लोगों से संवाद कर लोकतंत्र का महत्व समझाया।
क्रिकेट मैदान से सियासत में एंट्री
महाआर्यमन सिंधिया का MPCA अध्यक्ष बनना न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह सिंधिया परिवार की अगली पीढ़ी के लिए क्रिकेट के मैदान से राजनीति में कदम रखने का नया उदाहरण है। गत वर्ष ग्वालियर क्रिकेट लीग के जरिए उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की थी।
