एमपीसीए चुनाव 2025: केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बेटे की हो सकती है ताजपोशी; जानें दावेदारों के नाम

MPCA चुनाव 2025: महाआर्यमन सिंधिया की दावेदारी मजबूत
MPCA Elections 2025: मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के चुनाव की प्रक्रिया आज (शनिवार, 30 अगस्त) शुरू हो गई। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया के अध्यक्ष बनने की संभावना बेहद प्रबल हैं। सचिव पद उन्हीं के गुट के सुधीर असरानी चुने जा सकते हैं। नामांकन प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। जरूरत पड़ी तो 2 सितंबर को वोटिंग होगी।
सिंधिया गुट से ये दावेदार
मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में सिंधिया परिवार का हमेशा से दबदबा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसके अध्यक्ष रहे हैं। अब बेटे महाआर्यमन सिंधिया के ताजपोशी की तैयारी है। उनकी टीम में पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और अंपायर भी शामिल होंगे। हालांकि, दूसरे गुट के लोगों ने भी नामांकन फार्म लिए हैं।
सचिव पद पर सुधीर असनानी का नाम
पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर सुधीर असनानी को सचिव पद के लिए सत्ताधारी पैनल ने अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रबंधकारिणी के लिए पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर राजीव रिसोड़कर और महिला क्रिकेटर अरुंधति किरकिरे सहित अन्य को नामित किया गया है।
प्रबंधकारिणी में क्रिकेट और कानून के विशेषज्ञ
प्रबंधकारिणी में पूर्व क्रिकेटरों के साथ कानूनी विशेषज्ञों को शामिल किए जाने की संभावना है। सहसचिव पद पर पूर्व क्रिकेटर अरुंधति किरकिरे और कोषाध्यक्ष पद के लिए संजीव दुआ की चर्चा है। उपाध्यक्ष पद पर विनीत सेठिया का नाम आगे है।
कानूनी विशेषज्ञ प्रसून कनमड़ीकर भी प्रबंधकारिणी में शामिल कि जा सकते हैं। उनके पिता स्व. मिलिंद कनमड़ीकर और दादा स्व. अनंतवागेश कनमड़ीकर भी क्रिकेट एसोसिएशन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
चुनावी प्रक्रिया की टाइमलाइन
- 29 अगस्त: नामांकन फॉर्म का वितरण
- 30 अगस्त: नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि
- 31 अगस्त: नाम वापसी की अंतिम तिथि
- 2 सितंबर: एमपीसीए की चुनावी एजीएम और वोटिंग
विपक्षी गुट के उम्मीदवारों के नामांकन
वर्तमान सत्ताधारी पैनल के खिलाफ तीन प्रमुख नामांकन सामने आए हैं। अमरदीप पठानिया, राकेश भार्गव और प्रेम पटेल ने सत्ताधारी गुट के खिलाफ नामांकन फॉर्म लिया है। पठानिया सहसचिव पद, जबकि राकेश भार्गव और प्रेम पटेल ने उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सत्ताधारी दल इन नामों से बातचीत करके इन्हें मनाने की कोशिश करेगा, जिससे नामांकन वापस लिए जा सकते हैं।
