MP का राजभवन अब बना ‘लोक भवन’: सीएम-राज्यपाल की मुलाकात के बाद बदली गई नाम पटि्टका

मध्यप्रदेश में एक ऐतिहासिक बदलाव हो गया है। अब राज्य का राजभवन नए नाम ‘लोक भवन’ से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। इसी दौरान भवन के मुख्य द्वार पर लगी पुरानी पट्टिका हटाकर नई पट्टिका ‘लोक भवन’ के नाम से लगा दी गई।
केंद्र सरकार ने दो दिन पहले ही देशभर के राजभवनों का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ करने का फैसला लिया था। माना जा रहा था कि यह बदलाव मध्यप्रदेश में जल्द ही लागू होगा, और आज राज्यपाल की उपस्थिति में यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसके साथ ही प्रदेश में राजभवन का नाम आधिकारिक रूप से बदल गया है।
देश के कई राज्य - जैसे पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा अपने राजभवन का नाम पहले ही ‘लोक भवन’ कर चुके हैं। वहीं लद्दाख में उपराज्यपाल के सरकारी निवास को ‘लोक निवास’ नाम दिया गया है। यह कदम देश को औपनिवेशिक धारणाओं और पुराने ब्रिटिश कालीन प्रतीकों से मुक्त करने के व्यापक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है।
क्यों बदला गया नाम?
पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में यह सुझाव सामने आया था कि ‘राजभवन’ नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। इसे लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप बनाने के लिए ‘लोक भवन’ जैसे नाम का प्रस्ताव रखा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे प्रतीकात्मक बदलाव
राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना, गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय धुनों को शामिल करना, और सरकारी कार्यों में ‘भारत’ शब्द के उपयोग को बढ़ावा देना इन सभी के बीच यह बदलाव भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
मध्यप्रदेश में नई पट्टिका लगने के साथ ही अब राज्यपाल का निवास ‘लोक भवन’ के नाम से जाना जाएगा, जो लोकतंत्र के मूल्यों को और अधिक मजबूती से दर्शाता है।
