प्रीपेड बिजली: सरकारी विभागों से 2 माह का एडवांस, आम उपभोक्ता हर माह करेंगे रिचार्ज; जानें क्या होगा लाभ?

MP में अब प्रीपेड बिजली : मोबाइल की तरह कराना होगा रिचार्ज
Prepaid Bijli in MP : मध्यप्रदेश में बिजली व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी है। अगस्त 2025 से यहां प्रीपेड बिजली व्यवस्था लागू की जा सकती है। इसमें उपभोक्ताओं को मोबाइल की तरह विद्युत मीटर रिचार्ज कराना होगा। इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से होगी, लेकिन 2026 से यह आम उपभोक्ता भी इस अपना सकेंगे। सरकार ने यह निर्णय बिजली खपत पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया है।
सरकारी ऑफिसों से होगी शुरुआत
- मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक, अगस्त से मालवा-निमाड़ के 10 हजार सरकारी ऑफिस प्रीपेड सिस्टम में शिफ्ट होंगे। इनमें 1550 कार्यालय इंदौर के शामिल हैं। दिसंबर 2025 तक सभी 50 हजार सरकारी ऑफिसों में यह व्यवस्था लागू होगी।
- पहले चरण में अस्पताल, थाने और जल आपूर्ति इकाइयों जैसे सीधे जनता से जुड़े विभागों को राहत दी जाएगी। इनके कनेक्शन बाद में प्रीपेड मोड में तब्दील किए जाएंगे।
दो माह का अग्रिम बिल देना होगा
प्रीपेड प्रणाली के तहत सरकारी विभागों को 2 माह का बिजली बिल एडवांस में जमा करना होगा। यह राशि उनके दो वर्ष के औसत बिल के आधार पर निर्धारित की जाएगी। किसी दफ्तर का औसत बिल यदि 2000 रुपए है तो दो माह के लिए 4000 रुपए एडवांस जमा करने होंगे।
आम उपभोक्ताओं के लिए अलग व्यवस्था
प्रीपेड व्यवस्था दूसरे चरण में आम उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, लेकिन सरकारी विभागों की तरह उन्हें अग्रिम भुगतान नहीं करना होगा। बल्कि मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली रिचार्ज करना होगा। जैसे-जैसे बिजली खर्च होगी, उनका बैलेंस घटता जाएगा। उपभोक्ता के पास बैलेंस चेक करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
प्रीपेड मीटर के फायदे: 100 रुपए से रिचार्ज, 25 पैसे छूट
सूत्रों के अनुसार, आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली रिचार्ज की यह सुविधा ₹100 से शुरू होगी। इसकी अंतिम दर टैरिफ के आधार पर तय होगी। प्रीपेड सिस्टम में शिफ्ट होने वाले उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट विशेष छूट मिलेगी। अभी जो सब्सिडी मिलती है, वह भी मिलती रहेगी। इसके लिए अगल से मीटर लगाने की जरूरत नहीं है। स्मार्ट मीटर ही प्रीपेड मोड का कार्य करेंगे।
केंद्र का निर्देश: समयसीमा में पूर्णता अनिवार्य
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने अगस्त तक सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। बिजली कंपनियां अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन पर पेनल्टी लगाए जाने का भी प्रावधान है।
- मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह के मुताबिक, स्मार्ट मीटर और सूचना प्रौद्योगिकी की टीमों को अगस्त 2025 तक सभी जरूरी तैयारियां पूरी करने के लिए कहा गया है। प्रथम चरण में चुनिंदा शासकीय कार्यालय जोड़े जाएंगे।
