मध्यप्रदेश हुआ नक्सल मुक्त: बालाघाट में अंतिम दो माओवादियों ने भी हथियार डाले, सीएम यादव ने कहा- ऐतिहासिक दिन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश पूरी तरह नक्सल मुक्त हो गया है।
MP Naxal Free News: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सलवाद के उन्मूलन का संकल्प अब साकार हो चुका है। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2025 ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि मध्यप्रदेश अब पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो गया है।
42 दिन में 42 नक्सलियों का समर्पण
सीएम यादव ने बताया कि पिछले 42 दिनों में मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ (MMC) जोन में कुल 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से सभी पर मिलाकर 7 करोड़ 75 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
बालाघाट में अंतिम दो नक्सलियों ने भी किया सरेंडर
मुख्यमंत्री की वर्चुअल मौजूदगी में बालाघाट के अंतिम दो सक्रिय नक्सली- दीपक उइके और रोहित ने गुरुवार, 11 दिसंबर को आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही MP की धरती पर नक्सलियों का अंतिम केडर भी समाप्त हो गया।
लाल सलाम को आखिरी सलाम
सीएम यादव ने कहा कि पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के अदम्य साहस व बलिदान के कारण बालाघाट जिले से लाल सलाम को आखिरी सलाम कर दिया गया। उन्होंने इसे मध्यप्रदेश के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया।
2025: नक्सली उन्मूलन का सबसे ऐतिहासिक वर्ष
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 में 10 नक्सलियों को मार गिराया गया, 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह आंकड़े पिछले 21 वर्षों में सर्वाधिक हैं। अब पूरे प्रदेश में सक्रिय सभी नक्सली केडर ध्वस्त कर दिए गए हैं।
मंडला–डिंडोरी–बालाघाट में विकास की राह खुली
सीएम यादव ने कहा कि नक्सलवाद खत्म होने के साथ अब विकास के मार्ग में रही बाधाएं समाप्त हो गई हैं। पहले डिंडोरी, फिर मंडला और अब बालाघाट मुक्त होने से इन क्षेत्रों में विकास योजनाएँ तेज़ी से आगे बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि माओवाद को फिर कभी पनपने नहीं दिया जाएगा।
38 वीर जवानों ने दी शहादत
मुख्यमंत्री ने नक्सल मुक्त अभियान में शहीद हुए 38 पुलिस जवानों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सभी शहीदों के नाम लेते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी को मध्यप्रदेश कभी नहीं भूलेगा।
सरेंडर पॉलिसी के तहत मिलेगा नया जीवन
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षा, पुनर्वास, और रोजगार सहित सभी लाभ सरेंडर पॉलिसी के तहत दिए जाएंगे।
सुरक्षा बलों और प्रशासन को बधाई
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बलों और मैदानी स्तर पर काम कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी।
