MP में मेडिकल स्टोर पर सख्ती: अब बिना फार्मासिस्ट दवा बेचने पर होगी जेल और लाखों का जुर्माना

मध्यप्रदेश में दवा दुकानदारों के लिए सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। अब कोई भी मेडिकल स्टोर या फार्मेसी बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवा नहीं बेच सकेगा। अगर किसी दुकान पर यह नियम तोड़ा गया, तो उसके मालिक को तीन महीने तक की जेल, दो लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
पहले इस नियम के तहत सिर्फ एक हजार रुपए का जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान था, लेकिन अब जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू होने के बाद कार्रवाई बेहद कठोर कर दी गई है।
स्टेट फार्मेसी काउंसिल का सख्त निर्देश
स्टेट फार्मेसी काउंसिल की ओर से साफ कहा गया है कि अब बिना पंजीकृत व्यक्ति द्वारा दवा बेचना मरीजों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना जाएगा। काउंसिल ने सीएमएचओ और फूड एंड ड्रग विभाग को जांच के निर्देश भी दे दिए हैं।
काउंसिल की रजिस्ट्रार भव्या त्रिपाठी ने चेतावनी दी है कि अगर नियम तोड़े गए तो दुकानदार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वहीं, अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि यदि कोई फार्मासिस्ट बार-बार नियम तोड़ता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
एफडीए की प्रदेशभर में छापेमारी
फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भी बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। भोपाल, छिंदवाड़ा सहित कई जिलों में मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की गई और 22 संदिग्ध कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए।
इन सिरप में शामिल हैं –
- मैक्सट्रा (ज़ुवेंटस)
- नोकॉल्ड डीएस (सिप्ला)
- डोलोकॉल्ड डीएस
- सायनावेल
- विकोरिल (एलेम्बिक)
बच्चों के लिए खतरनाक कफ सिरप
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन सिरप में मौजूद घटक फिनाइलएफ्रिन और क्लोरफेनिरामिन बच्चों (चार साल से कम उम्र) के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इनसे सांस रुकना, दौरे पड़ना और नींद में गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
स्वास्थ्य विभाग ने माता-पिता से अपील की है कि छोटे बच्चों को किसी भी तरह का कम्बिनेशन कफ सिरप न दें। बच्चों की खांसी-जुकाम के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
