MP Weather News: मध्यप्रदेश में दिसंबर में भी रिकॉर्ड तोड़ेगी सर्दी, 19 शहरों में पारा 10° से नीचे

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उत्तर भारत से आने वाली तीखी ठंडी हवाओं ने मध्यप्रदेश को एक बार फिर ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है, जहाँ ठंड के साथ-साथ सुबह-सुबह घना कोहरा भी छाने लगा है। गुरुवार और शुक्रवार की रातों में प्रदेश के 19 शहर ऐसे रहे, जहाँ न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी ठंड का असली दौर बाकी है-7 और 8 दिसंबर को सर्दी और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
रीवा ने तोड़ा पचमढ़ी को भी पारा 5.8° पर पहुंचा
बीती रात रीवा प्रदेश का सबसे ठंडा शहर बन गया, तापमान गिरकर 5.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यहां तक कि पहाड़ी स्टेशन पचमढ़ी भी रीवा से गर्म रहा।
भोपाल 8.2°, ग्वालियर 7.5°, जबलपुर 9.9° और इंदौर 11° सेल्सियस पर दर्ज हुआ। कई अन्य जिलों में भी तापमान सिंगल डिजिट में रहा—राजगढ़, चित्रकूट, शिवपुरी, गुना, सीधी और मलाजखंड में पारा 6 से 9 डिग्री के बीच रहा।
दिन में भी ठंड बनी, धूप असर नहीं दिखा पाई
रात के साथ-साथ दिन के तापमान में भी ठंडक महसूस की जा रही है। शुक्रवार को पचमढ़ी, नरसिंहपुर, बैतूल, शिवपुरी, रीवा और टीकमगढ़ में अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री के बीच रहा। पांच बड़े शहरों में भोपाल 25°, इंदौर 24.8°, उज्जैन 26.5°, ग्वालियर 25.6° और जबलपुर 25.3° तक ही पहुंच पाया।
दिसंबर में भी रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में सर्दी
मौसम विभाग का दावा है कि इस बार ठंड औसत से ज्यादा कड़ी होने वाली है। नवंबर में ही भोपाल का 84 साल पुराना रिकॉर्ड टूट चुका है। इंदौर में भी 25 साल बाद इतनी ठंड पड़ी। दिसंबर के लिए भी अनुमान है कि प्रदेश में ठंड अपनी चरम सीमा पर होगी और कई नए रिकॉर्ड बन सकते हैं।
नवंबर में हुआ था ऐतिहासिक ठंड का प्रहार
नवंबर महीना इस बार सबसे कड़ाके की सर्दी लेकर आया। भोपाल में लगातार 15 दिन शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर है। 17 नवंबर की रात तापमान 5.2 डिग्री तक लुढ़क गया—जो 1941 के रिकॉर्ड से भी नीचे था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री रहा, जो 25 साल का न्यूनतम स्तर है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि उत्तर भारत में नवंबर के पहले ही सप्ताह में बर्फबारी शुरू हो गई थी। इससे ठंडी हवाएँ तेजी से मध्यप्रदेश तक पहुंचीं। हालांकि आखिरी सप्ताह में हवा की दिशा बदली, लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह से फिर तेज ठंड शुरू हो गई है।
