आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन: CM मोहन यादव बोले- हर जिले में मेडिकल कॉलेज, गरीब छात्रों को MBBS के लिए 16.5 लाख की सहायता

सीएम डॉ. मोहन यादव ने आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन में कहा- MP में मेडिकल कॉलेज, आयुष शिक्षा और गरीब छात्रों की सहायता सरकार की प्राथमिकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने से लेकर जनजातीय क्षेत्रों में आयुष सेवाओं के विस्तार तक सरकार बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार गरीब, किसान, युवा और महिलाओं सहित हर वर्ग के कल्याण के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
उन्होंने कहा कि पहले मेडिकल कॉलेज खोलने में कई बाधाएं आती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल मेडिकल कमीशन ऑफ इंडिया की स्थापना कर प्रक्रिया को सरल बनाया। इसके फलस्वरूप प्रदेश में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है।
4 नए मेडिकल कॉलेज
वर्ष 2002-03 तक मध्यप्रदेश में मात्र 5 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि अब 19 शासकीय और 14 निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। शीघ्र ही बैतूल, धार, कटनी और पन्ना में पीपीपी मोड पर 4 नए मेडिकल कॉलेजों का भूमिपूजन होने वाला है। इससे प्रदेश की 29 लोकसभा क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
मुख्यमंत्री का संकल्प है कि जल्द ही हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा। साथ ही, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। एक वर्ष में 8 नए आयुर्वेदिक कॉलेज शुरू करने की योजना है, जो सुदूर ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सुनिश्चित करेगी।
16.50 लाख रुपये की सहायता
आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ, जहां डॉ. यादव ने युवाओं से समाज सेवा का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतिवर्ष 16.50 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है।
पिछले एक वर्ष में 8000 से अधिक चिकित्सा शिक्षा छात्रों को 207 करोड़ रुपये की फीस सहायता प्रदान की गई, ताकि वे बिना आर्थिक चिंता के अध्ययन कर सकें। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा योग्य नागरिक बने और युवा डॉक्टर लोकतंत्र के प्रहरी बनकर समाज की सेवा करें। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय कर सेवाओं को और मजबूत किया गया है।
जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सुविधाएं बढ़ाने का संकल्प
आयुर्वेद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्राचीन पद्धति नब्ज से ही रोग का पता लगा लेती है। प्रकृति हर बीमारी की दवा आसपास उपलब्ध कराती है। कोरोना महामारी में आयुर्वेदिक काढ़े ने विश्व स्तर पर अपनी ताकत सिद्ध की और आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सेवा की कमान संभाली। जनजातीय वीरों जैसे रानी दुर्गावती, टंट्या मामा आदि के योगदान को याद करते हुए डॉ. यादव ने जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सुविधाएं बढ़ाने का संकल्प दोहराया।
प्रदेशभर में 8000 से अधिक आरोग्य किट का वितरण
सम्मेलन में जनजातीय क्षेत्रों में सेवा देने वाले डॉक्टरों जैसे डॉ. मुकेश तिलगाम, डॉ. राजेश डाबर आदि को सम्मानित किया गया। साथ ही, मेडिकल ऑफिसर्स को जीवनरक्षक दवाओं और उपकरणों वाली आरोग्य किट वितरित की गई। प्रदेशभर में 8000 से अधिक ऐसी किटें प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम में सेवा अंकुर संस्था पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई।
जल्द दूर होगी डॉक्टरों की कमी
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिकता से मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता और ग्रामीण सेवा देने पर पीजी में इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। 348 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को एफआरयू में बदला जाएगा। डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास हो रहे हैं।
जनजातीय युवाओं के साथ खड़ी है सरकार
जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि सरकार जनजातीय युवाओं के साथ हर कदम पर खड़ी है। प्रमुख सचिव संदीप यादव ने बताया कि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर सम्मेलन में शामिल हुए। 5000 से अधिक छात्रों को पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप और जनजातीय क्षेत्रों में सेवा करने वालों को सुषेण भत्ता दिया जा रहा है। कार्यक्रम में 600 से अधिक चिकित्सक और 2000 से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया।
यह सम्मेलन मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में नई ऊर्जा का संचार करता है, जो प्रधानमंत्री के स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार का संकल्प है कि निरोगी और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में हर नागरिक एकजुट होकर योगदान दे।
