E-Attendance: अतिथि शिक्षकों के लिए भी ई-अटेंडेंस अनिवार्य, मध्य प्रदेश की स्कूलों में शुरू हुआ विरोध

E-Attendance: अतिथि शिक्षकों की ई-अटेंडेंस से बढ़ी परेशानी, मध्य प्रदेश की स्कूलों में विरोध शुरू
MP Guest Teachers E Attendance : मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी कर सभी अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) के लिए ई-अटेंडेंस (E-Attendance) अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद से प्रदेशभर में शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है। रायसेन जिले के बेगमगंज में शनिवार को संयुक्त मोर्चा शिक्षक संघ ने इस निर्णय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने पुराने वादों को अब तक पूरा नहीं किया, लेकिन नए और अव्यवहारिक नियम लगातार थोपे जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक यह प्रणाली सभी विभागों के कर्मचारियों पर समान रूप से लागू नहीं होती, तब तक इसे शिक्षा विभाग पर एकतरफा थोपना अनुचित है।
प्रमुख मुद्दे, जिसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश
- एकतरफा फैसला: केवल शिक्षकों पर ही ई-अटेंडेंस क्यों लागू किया गया? यह सवाल प्रमुख रूप से उठाया गया। शिक्षकों का कहना है कि अगर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की बात है, तो यह व्यवस्था राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होनी चाहिए।
- तकनीकी चुनौतियाँ: संघ का तर्क है कि यह प्रणाली पूरी तरह मोबाइल-आधारित है, जिससे दुरुपयोग, नेटवर्क की समस्या, और डेटा गोपनीयता पर खतरा उत्पन्न होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के चलते समय पर उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल होगा।
- छवि खराब होगी: शिक्षकों ने सरकार के इस आदेश को अपमानजनक और अविश्वासपूर्ण बताया है। कहा, इस प्रकार की निगरानी से समाज में संदेश जाएगा कि शिक्षक अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं। इससे उनकी छवि खराब होगी।
- पुरानी सरकार ने किया था विरोध: तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को अमानवीय बताते हुए बंद कर दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने एक बार फिर इस आदेश को लागू कर दिया है। इससे शिक्षक समुदाय में खासा आक्रोश और निराशा है।
अतिथि शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें
- ई-अटेंडेंस आदेश को तत्काल स्थगित किया जाए।
- राज्य के सभी विभागों में इसे समान रूप से लागू किया जाए।
- शिक्षकों के साथ संवाद और सहमति के बाद ही नई प्रणाली लागू की जाए।
- पुराने वादे जैसे नियमितीकरण पर पहले अमल किया जाए।
सरकार के लिए बड़ी चुनौती
मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों में बढ़ता असंतोष नीतिगत चुनौती बन सकता है। सरकार इस विषय पर जल्द संवाद नहीं करती तो विरोध पूरे प्रदेश में फैल सकता है। शिक्षकों की मांग है कि यह नियम सभी विभागों में लागू किया जाए। वरना इसे स्कूल शिक्षा विभाग भी अस्वीकार करे।