मध्य प्रदेश: भवन विहीन और जर्जर स्कूलों को मिलेंगे नए भवन और मॉडर्न सुविधाएं

भवन विहीन और जर्जर स्कूलों को मिलेंगे नए भवन और मॉडर्न सुविधाएं
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मध्य प्रदेश के सरकारी भवन विहीन व जर्जर स्कूलों को नए भवन और स्मार्ट सुविधाएं मिलेंगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिलों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी, जल्द होगा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट।

दीपेश कौरव, भोपाल।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तस्वीर लगातार बदल रही है। मॉडल, उत्कृष्ट विद्यालय, सांदीपनि विद्यालयों के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग ने भवन विहीन, एक या दो कमरों के सरकारी स्कूलों, जर्जर स्कूलों को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है। इन स्कूलों के जरूरत के हिसाब से भवन सहित अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगे।

दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से स्कूलों की जानकारी मंगाई गई है। सरकार सीएम राइज (सांदीपनि) स्कूलों को पहले ही मॉडर्न सुविधाओं से लैस करने का काम कर रही है। इसके साथ ही अब प्रदेश सरकार अब जिलों में भवन विहीन स्कूलों में भवन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस करने जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा गया है कि वे संकुल प्राचार्यों के माध्यम से पूरी जानकारी तय फॉर्मेट में भेजें।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्कूलों का हायर सेकंडरी और हाईस्कूल के रूप में उन्नयन कर दिया गया है लेकिन उसके मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं किए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि इसकी अनिवार्यता न होने से ऐसे हालात बने हैं। इसलिए अब वर्तमान में ऐसे सभी स्कूलों में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कराए जाने की तैयारी है।

रिपोर्ट पर लोक शिक्षण संचालनालय इस पर फैसला करेगा

जारी आदेश के अनुसार, संकुल प्राचार्य यह बताएंगे कि संबंधित विद्यालय में कितने अतिरिक्त कक्ष या प्रयोगशाला कक्ष की जरूरत है। संकुल प्राचार्यों की रिपोर्ट पर लोक शिक्षण संचालनालय इस पर फैसला करेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने संकुल प्राचार्यों से पूछा है कि जिन विद्यालयों में स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से कमरों की संख्या कम है, वहां वर्तमान में क्लास और प्रयोगशाला का संचालन कैसे किया जाता है? साथ ही विद्यालय के पास कितनी रिक्त जमीन है, इसकी भी जानकारी देने के लिए कहा गया है।

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