मध्यप्रदेश कांग्रेस: नई जिलाध्यक्ष सूची से मचा बवाल, इस्तीफों का दौर शुरू; जानें विश्लेषण

MP कांग्रेस: नई जिलाध्यक्ष सूची से मचा बवाल, इस्तीफों का दौर शुरू; जानें वजह
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MP कांग्रेस: नई जिलाध्यक्ष सूची से मचा बवाल, इस्तीफों का दौर शुरू; जानें वजह 

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 71 जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी की, लेकिन विरोध के स्वर तेज। देवास में बंटू गुर्जर का इस्तीफा। कमलनाथ, दिग्विजय और पटवारी के समर्थकों का दबदबा बरकरार।

MP Congress District President List: मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) द्वारा जारी नए जिलाध्यक्षों की सूची ने पार्टी में असंतोष और गुटबाजी को और गहरा कर दिया है। शुक्रवार को सूची जारी होते ही विरोध के स्वर तेज हो गए। सबसे बड़ा झटका देवास जिले से लगा। यहां खातेगांव विधानसभा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौतम बंटू गुर्जर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। खास बात ये है कि बंटू गुर्जर खुद PCC चीफ जीतू पटवारी के करीबी माने जाते हैं, लेकिन पहला इस्तीफा इन्होंने ही दिया।

असंतोष के स्वर सतना से भी उठे

देवास ही नहीं, बल्कि सतना, छतरपुर और पन्ना जिले में भी भारी असंतोष देखा गया। सतना में कार्यकर्ताओं ने नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को चौथी बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर नाराजगी जताई। वहीं, शहर अध्यक्ष आसिफ इकबाल की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

सतना जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा विधायक के अलावा पीसीसी में उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश ओबीसी कांग्रेस के चेयरमैन हैं। उन्हें मुरैना जिले का संगठन प्रभारी भी बनाया गया है। इसके अलावा पिछले 7 साल में विधानसभा, लोकसभा और महापौर के चार चुनाव लड़ाया गया। छतरपुर में कुर्मी समाज को अहमियत न मिलने से कुछ लोगों ने नाराजगी जताई है।

राहुल गांधी की निगरानी में बनी सूची

कांग्रेस ने जीतू पटवारी की ताजपोशी के करीब एक साल बाद 71 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है। इसे संगठन सृजन अभियान के तहत राहुल गांधी की निगरानी में तैयार किया गया है। इसमें 3 पूर्व मंत्री, 5 विधायक और 11 पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। पहली बार 4 महिलाओं को भी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है।

यहां देखें पूरी सूची: कांग्रेस जिलाध्यक्षों की पूरी सूची देखने के लिए क्लिक करें

कमलनाथ का दबदबा बरकरार

नई नियुक्तियों में एक बार फिर कमलनाथ का वर्चस्व साफ दिखा। 71 में से 10 जिलाध्यक्ष उनके समर्थक माने जा रहे हैं। जबकि 5-5 जिलाध्यक्ष दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी के करीबी बताए गए। अजय सिंह, उमंग सिंघार, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव के समर्थकों को भी जगह मिली है। जानें कौन जिलाध्यक्ष किस नेता का करीबी?

  • कमलनाथ समर्थक : छिंदवाड़ा, पार्टूना, बालाघाट, जबलपुर (विवेक तन्खा की सहमति से), डिंडोरी, मंडला, रीवा ग्रामीण (दिग्विजय की सहमति से), सतना ग्रामीण, सिवनी, सिंगरौली ग्रामीण, बैतूल
  • दिग्विजय सिंह समर्थक: गुना जयवर्धन सिंह, राजगढ़ प्रियव्रत सिंह, अशोकनगर, खंडवा ग्रामीण, टीकमगढ़
  • जीतू पटवारी समर्थक : भोपाल शहर प्रवीण सक्सेना, भोपाल ग्रामीण अनोखी मान, इंदौर शहर चिंटू चौकसे , इंदौर ग्रामीण विपिन वानखेड़े, सीहोर और देवास ग्रामीण

जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन

कांग्रेस ने संगठन सृजन के तहत जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन साधने की कोशिश की है। इसमें 50% नए चेहरे जिलाध्यक्ष बनाए गए। 37 रिजर्व कैटेगरी और 35 सामान्य वर्ग से आते हैं। 12 ओबीसी, 10 एसटी और 8 एससी वर्ग के नेताओं को जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। 4 महिलाओं को भी जगह दी गई है।

प्रमुख नेता, जिन्हें सौंपी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

  • पूर्व मंत्री: ओंकार सिंह मरकाम (डिंडोरी), जयवर्धन सिंह (गुना), प्रियव्रत सिंह (राजगढ़)।
  • विधायक: महेश परमार (उज्जैन), संजय उइके (बालाघाट), देवेंद्र पटेल (रायसेन), सिद्धार्थ कुशवाहा (सतना)
  • पूर्व विधायक: निलय डागा, अशोक मार्सकोले, सुनीता पटेल, कुंवर सौरभ सिंह-कटनी ग्रामीण, मुकेश पटेल-अलीराजपुर, विपिन वानखेड़े-इंदौर ग्रामीण, हर्ष विजय गहलोत- रतलाम ग्रामीण, संजय यादव-जबलपुर ग्रामीण, रवींद्र महाजन- बुरहानपुर और जतिन उइके पांढुर्णा जिलाध्यक्ष बनाए गए।

आगे क्या?

कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में गुटवाजी नहीं, बल्कि संगठन में पकड़ और नेतृत्व क्षमता को आधार माना गया है। आगे भी इनकी परफॉरमेंस पर लगातार नजर रखी जाएगी। भविष्य में उनके कामकाज का मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि, देवास और सतना से शुरू हुआ विरोध आने वाले दिनों में पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है।

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