MP Cold Wave Alert 2025: एमपी में बढ़ी ठंड, भोपाल-इंदौर समेत 13 जिलों में शीतलहर का अलर्ट, 10 साल के रिकॉर्ड टूटे

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हिमालयी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश पर साफ दिखने लगा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बर्फबारी से ठंडी हवाओं का रुख एमपी की ओर हो गया है।

भोपाल। हिमालयी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश पर साफ दिखने लगा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बर्फबारी से ठंडी हवाओं का रुख एमपी की ओर हो गया है। राज्य के कई हिस्सों में पारा लुढ़क गया है और 13 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। अनूपपुर और बालाघाट में पिछले दो दिन से कोल्ड डे जैसी स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को भी भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, उमरिया और सिवनी में ठंडी हवाएं चलेंगी।

13 जिलों में शीतलहर अलर्ट

मौसम विशेषज्ञ पी.के. शाह के अनुसार, इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सामान्य से पहले ही सक्रिय हो गया है, जिसके चलते उत्तर भारत में बर्फबारी और बारिश बढ़ी है। ठंडी उत्तरी हवाओं ने एमपी में भी ठिठुरन बढ़ा दी है। भोपाल में बुधवार रात तापमान 8.4°C दर्ज किया गया, जो पिछले 10 सालों में नवंबर का सबसे कम पारा है। इंदौर में 8.2°C, राजगढ़ में 7°C और ग्वालियर में 10.6°C तापमान दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, यह ठंड अगले 4 दिन तक इसी तरह बनी रहेगी।

रिकॉर्ड तोड़ ठंड

मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि भोपाल में नवंबर में पहली बार लगातार 5 दिन न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के आसपास रहा। लगातार 120 घंटे शीतलहर चलना अपने आप में रिकॉर्ड है। इंदौर में भी नवंबर की ठंड ने पिछले 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां नवंबर में इतनी ठंड आखिरी बार 1938 में दर्ज की गई थी, जब पारा 5.6°C तक पहुंचा था।

नवंबर में ठंड और बारिश का डबल असर

मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से नवंबर में ठंड के साथ हल्की बारिश का ट्रेंड देखा जा रहा है। इस बार भी ऐसा ही मौसम बना हुआ है। अक्टूबर में प्रदेश में औसत से 121% ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। 30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान 24°C रहा, जो पिछले 25 साल का सबसे ठंडा अक्टूबर दिवस था।

आगे क्या रहेगा मौसम?

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक ठंड लगातार बढ़ेगी। विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल संभाग में तापमान और नीचे जा सकता है क्योंकि वहां सीधी उत्तरी हवाएं प्रवेश कर रही हैं। इतिहास के अनुसार, ग्वालियर में नवंबर का न्यूनतम रिकॉर्ड 3°C (56 साल पहले) और उज्जैन में 2.3°C (52 साल पहले) तक दर्ज हुआ था।

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