बड़ी खबर: MP BJP अध्यक्ष को लेकर सस्पेंस मंगलवार को होगा खत्म! VD शर्मा को मिलेगा नया कार्यकाल या नई जिम्मेदारी?

भाजपा अगले दो दिन में 9 राज्यों में बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, जल्द होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान।
MP BJP President: मध्य प्रदेश में भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर लंबे समय से असमंजश की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान मंगलवार को हो सकता है। मंगलवार को प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल आएंगे। भाजपा ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे या नहीं, इसका फैसला भी मंगलवार को होने की संभावना है। मंगलवार को तय होगा कि वी डी शर्मा को नई जिम्मेदारी मिलेगी या अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। पार्टी संविधान के अनुसार एक और कार्यकाल मिलने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में भाजपा अध्यक्ष को लेकर काफी दिनों से पार्टी को ऐसे नेता की तलाश थी, जो आरएसएस और बीजेपी विचारधारा को बेहतर तरीके से समझता हो। इसके साथ ही सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित कर सके। हालांकि अब एमपी बीजेपी अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अंतिम स्टेज पर है। ऐसे में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है।
कौन-कौन है दौड़ में?
1. राजेन्द्र शुक्ला – संगठन-सत्ता का संतुलन
- वर्तमान में डिप्टी सीएम
- विंध्य क्षेत्र से आते हैं
- शिवराज सिंह चौहान के करीबी
- प्रशासनिक अनुभव और पार्टी में पकड़
2. नरोत्तम मिश्रा – पुराने दावेदार
- पूर्व गृह मंत्री
- ब्राह्मण चेहरा
- केंद्रीय नेतृत्व (अमित शाह) के साथ अच्छे रिश्ते
- हालांकि हाल के चुनावों में उनकी भूमिका को लेकर विवाद रहा है
3. हेमंत खंडेलवाल – सीएम के नजदीकी
- बालाघाट से आते हैं
- आरएसएस की पृष्ठभूमि
- मोहन यादव गुट का समर्थन
- अपेक्षाकृत साफ छवि और प्रशासनिक अनुभव
4. कैलाश विजयवर्गीय – दिल्ली दरबार के भरोसेमंद
- शहरी क्षेत्रों में लोकप्रिय
- संगठन के पुराने खिलाड़ी
- फिलहाल इंदौर से विधायक
- भाजपा के मिशन 2028 के लिए अनुभवी चेहरा हो सकते हैं
5. लाल सिंह आर्य / फग्गन सिंह कुलस्ते / गजेंद्र पटेल
- दलित/आदिवासी समाज से आते हैं
- जातीय संतुलन के लिए इन नामों पर भी चर्चा
- विशेष रूप से यदि पार्टी नया सोशल इंजीनियरिंग मॉडल अपनाती है
क्या VD शर्मा को दूसरा कार्यकाल मिलेगा?
पार्टी संविधान के अनुसार, एक प्रदेश अध्यक्ष को दो बार कार्यकाल दिया जा सकता है। VD शर्मा को संगठन में अनुशासित व सफल माना गया है। 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में उनके नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन रहा, लेकिन नेतृत्व अब एक नया चेहरा लाना चाहता है जो 2028 विधानसभा चुनावों तक संगठन को तैयार करे।
महत्वपूर्ण बैठकें और संभावित घोषणा की तारीख
- 25-30 जून: केंद्रीय नेतृत्व द्वारा फीडबैक और नामों की समीक्षा
- 1 जुलाई: प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का दौरा संभावित
- 1 से 3 जुलाई: अंतिम नाम की घोषणा और औपचारिक नियुक्ति की संभावना
39 साल में 12 अध्यक्ष
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 39 साल में 12 अध्यक्ष बनाए। इनमें से एक बार दलित, 3 बार ओबीसी और 8 बार सवर्ण नेतओं को मौका मिला। सबसे लंबा कार्यकाल (10 साल का) लक्खीराम अग्रवाल का रहा। जबकि, सबसे कम मौका (263 दिन) शिवराज सिंह को मिला।
मध्य प्रदेश भाजपा के पहले अध्यक्ष सुंदरलाल पटवा 1986 में बने थे। चार साल बाद 1990 में लक्खीराम अग्रवाल, 2000 में विक्रम वर्मा, फिर कैलाश जोशी, शिवराज सिंह चौहान, सत्य नारयाण जटिया, नरेंद्र सिंह तोमर, नंद कुमार चौहान, राकेश सिंह और वीडी शर्मा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाए गए। नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा को दोबारा मौका मिला।
क्यों हो रही है देरी?
- लोकसभा चुनाव 2024 के बाद का समय: पार्टी अब संगठनात्मक बदलाव के दौर में है। दिल्ली से लेकर राज्यों तक पुनर्गठन चल रहा है।
- जातीय व क्षेत्रीय समीकरण: भाजपा नेतृत्व इस बार प्रदेश अध्यक्ष को चुनते वक्त सामाजिक और भौगोलिक संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है।
- सीएम और संगठन की सहमति: मुख्यमंत्री मोहन यादव और संगठन महासचिव के विचार भी इसमें अहम माने जा रहे हैं।