मध्यप्रदेश विधानसभा: मानसून सत्र होगा हंगामेदार, कांग्रेस विधायकों को प्रशिक्षण; जाने क्या है रणनीति

मानसून सत्र: MP विधानसभा में कांग्रेस होगी मुखर, विधायकों को विशेष प्रशिक्षण
MP Vidhansabha Monsoon Session 2025 : मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। कांग्रेस ने इस बार सरकार को चौरतफा घेरने के लिए खास रणनीति तैयार की है। विधायकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जा रहा है। ताकि, सदन में वे जनहित और क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठा सकें। पार्टी के सीनियर नेता विधायकों को मार्गदर्शन देंगे।
कांग्रेस ने विधानसभा के मानसून सत्र में हरदा लाठीचार्ज, खराब सड़कें, खाद संकट, भ्रष्टाचार और बढ़ते अपराध सहित अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, प्रदेश में हर वर्ग के लोग परेशान हैं। कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची। जनहित के हर इश्यू पर सरकार से सीधा सवाल करेंगे। सड़क से लेकर सदन तक ये मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
क्या-क्या होंगे कांग्रेस के मुख्य मुद्दे?
हरदा में राजपूत समुदाय पर लाठीचार्ज
कांग्रेस इसे सबसे अहम राजनीतिक मुद्दा बनाने जा रही है। घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हरदा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की थी। अब पार्टी के राजपूत विधायकों ने सदन में इस पर आवाज़ बुलंद करने की रणनीति बनाई है।
सड़कों की बदहाली और पुलों की खराब डिज़ाइन
बारिश की शुरुआत के साथ ही प्रदेश की कई सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। कांग्रेस इसे भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा बता रही है। पार्टी खराब पुल डिज़ाइन के पीछे भी ठेकेदार-प्रशासन गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराएगी।
SEIAA विवाद और ‘डीम्ड परमिशन’ का मुद्दा
राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) को लेकर चल रहे विवाद और ‘डीम्ड परमिशन’ के मामलों में सरकार की भूमिका पर सवाल उठेंगे।
खाद और मूंग खरीद में गड़बड़ी
कांग्रेस किसानों की समस्याओं को भी जोर-शोर से उठाएगी। खाद की कमी और मूंग फसल की सही दर पर खरीद न होने को लेकर पहले से नाराज़ किसान कांग्रेस के निशाने पर हैं।
क्या बोले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंधार ने कहा, सदन में हम जनकल्याण से जुड़े वास्तविक मुद्दों को उठाएंगे। कांग्रेस किसानों, गरीबों और आम जनता की आवाज़ बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली कटौती, खाद संकट, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी के मुद्दे पर सरकार की चुप्पी नहीं चलेगी।
मानसून सत्र के दौरान मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस आक्रामक भूमिका में दिखेगी। अगर ये मुद्दे ज़ोर पकड़ते हैं, तो राज्य सरकार के लिए यह सत्र काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
