MP News: फर्जी जाति प्रमाणपत्र के चक्रव्यूह से बाहर आएंगे एआईजी मीणा, डीपीसी से बन सकते हैं आईपीएस

विकास तिवारी, भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एआईजी अमृत लाल मीणा पिछले 9 वर्षों से फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में फंसे हुए हैं, लेकिन अब इस लंबे विवाद से उन्हें राहत मिल सकती है। राज्य स्तरीय छानबीन समिति सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के 2016 के एक आदेश का हवाला देते हुए मीणा को इस मामले से बाहर करने की तैयारी कर रही है।
हालांकि जांच में उनका जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया था, लेकिन उन्हें शासकीय सेवा में प्रवेश दिए जाने के कई वर्ष बीत चुके हैं। ऐसे में विभागीय आदेश के अनुसार, उनकी सेवा को प्रभावित नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। इस निर्णय के बाद अब डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) के माध्यम से उनके आईपीएस बनने का रास्ता भी खुल सकता है।
एमपीपीएससी चयन और जाति प्रमाणपत्र विवाद
अमृत लाल मीणा वर्ष 1995-96 में एमपीपीएससी परीक्षा के माध्यम से राज्य पुलिस सेवा में डीएसपी पद पर चयनित हुए थे। चयन प्रक्रिया में उन्होंने स्वयं को अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग का बताया और लटेरी तहसील, जिला विदिशा से एसटी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था।
हालांकि मीणा जाति मूल रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आती है। 2003 से पहले विदिशा जिले के सिरोंज क्षेत्र में मीणा जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त था, और इसी आधार पर उन्होंने जाति प्रमाणपत्र बनवाया था। समय के साथ परिस्थितियां बदलीं, और शिकायतों के आधार पर जांच हुई, जिसमें प्रमाणपत्र को अमान्य घोषित कर दिया गया। वर्ष 2023 में इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
GAD आदेश से मिलेगा संरक्षण
सितंबर 2016 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 8 जनवरी 2003 से पहले यदि सिरोंज क्षेत्र के निवासी मीणा वर्ग के व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के लाभ के आधार पर शासकीय सेवा में प्रवेश पा चुके हैं, तो उनकी सेवा को अमान्य नहीं माना जाएगा। हालांकि भविष्य में उन्हें एसटी के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी, न ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस आदेश के तहत, एआईजी मीणा को सेवा में संरक्षण मिलेगा और उनके विरुद्ध जाति प्रमाणपत्र से संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
आईपीएस पदोन्नति की संभावनाएं प्रबल
अब जबकि जाति विवाद का समाधान विभागीय आदेशों के माध्यम से संभावित हो गया है, ऐसे में मीणा की विभागीय पदोन्नति की फाइल पर फिर से विचार किया जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि वे जल्द ही आईपीएस संवर्ग में पदोन्नत हो सकते हैं।
