अच्छी खबर: MP में बनेगा 1GW AI डेटा सेंटर, 5 बड़े फायदे मिलेंगे; ये शहर हो सकते हैं स्थान

मध्य प्रदेश में 1 गीगावाट का AI-रेडी डेटा सेंटर विकसित किया जाएगा, संभावित स्थान इंदौर, भोपाल और ग्वालियर हो सकते हैं। (प्रतीत्मक AI तस्वीर)
मध्य प्रदेश जल्द ही देश का तकनीकी नक्शा बदलने जा रहा है। राज्य में बनने जा रहा है 1 गीगावाट क्षमता वाला अत्याधुनिक 'AI-Ready Data Center', जो न सिर्फ तकनीकी दुनिया में राज्य की पहचान बनाएगा, बल्कि रोज़गार, स्टार्टअप, निवेश और युवाओं के लिए स्किल बढ़ाने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगा।
यह समझौता मुख्यमंत्री मोहन यादव की स्पेन यात्रा के दौरान हुआ, जिसमें MPSEDC और स्पेन की कंपनी Submer Technologies ने हाथ मिलाया है। यह कंपनी दुनियाभर में इमर्शन कूलिंग डेटा सेंटर बनाने के लिए जानी जाती है।
आम जनता को क्या होंगे फायदे?
1. हज़ारों नई नौकरियां
डेटा सेंटर के निर्माण, संचालन और सुरक्षा से जुड़ी नौकरियां राज्य के युवाओं को मिलेंगी। IT, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिशियन, HVAC जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए मौके खुलेंगे।
2. स्टार्टअप्स और डिजिटल कंपनियों को बड़ा बूस्ट
फास्ट डेटा एक्सेस और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलने से स्टार्टअप्स, ऐप डेवलपर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को तेजी से ग्रो करने का मौका मिलेगा।
3. मध्य प्रदेश बनेगा ग्लोबल डिजिटल हब
बड़ी टेक कंपनियां, विदेशी निवेशक और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स अब एमपी का रुख करेंगे, जिससे राज्य की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होगी।
4. बिजली और पानी की बचत
सबमर टेक्नोलॉजीज की इमर्शन कूलिंग तकनीक से डेटा सेंटर बिजली और पानी की खपत को काफी हद तक कम करेगा, जिससे पर्यावरण भी बचेगा।
5. युवाओं के लिए स्किल डिवेलपमेंट
इस प्रोजेक्ट के तहत युवाओं के लिए AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, सर्वर टेक्नोलॉजी और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग और स्किल बढ़ाने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
कहां बन सकता है ये डेटा सेंटर?
मध्य प्रदेश के जिन शहरों में यह डेटा सेंटर बन सकता है, उनमें इंदौर, भोपाल और ग्वालियर सबसे आगे माने जा रहे हैं। इसके पीछे कई ठोस वजहें हैं:
इंदौर: लगातार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतने वाला इंदौर, अब तकनीकी हब बनने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। यहां बिजली आपूर्ति, तेज़ इंटरनेट और टेक फ्रेंडली माहौल इसे उपयुक्त बनाते हैं।
भोपाल: राजधानी होने के साथ-साथ यहां पहले से कुछ डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। ग्रीन एनर्जी और सरकार से जुड़ी सुविधाएं इसे एक व्यवहारिक विकल्प बनाती हैं।
ग्वालियर: यह शहर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित हो रहा है और डिजिटल ग्रोथ के लिए नई संभावनाएं खोल रहा है।
इन शहरों में स्थानीय तकनीकी संसाधन, बेहतर मौसम, भूमि उपलब्धता और लॉजिस्टिक सुविधाएं जैसे पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है। चयनित शहर में बनने वाला डेटा सेंटर भविष्य में पूरे भारत के लिए डेटा सेवाओं का मजबूत आधार बन सकता है।
अगला कदम क्या होगा?
इस ऐतिहासिक समझौते के बाद अब Submer Technologies की एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जुलाई के अंत तक मध्य प्रदेश का दौरा करेगा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य होगा:
- संभावित स्थानों का भौतिक निरीक्षण करना।
- बिजली, पानी, कनेक्टिविटी और सुरक्षा जैसी ज़रूरी सुविधाओं का आकलन
- स्थानीय अधिकारियों, टेक्निकल एजेंसियों और शहरी विकास से जुड़े लोगों से मुलाकात।
- स्थानीय युवाओं को तकनीकी रूप से कैसे जोड़ा जाए, इस पर भी प्रारंभिक चर्चा
इस विजिट के बाद प्रोजेक्ट का फाइनल स्थान तय किया जाएगा, और फिर डेटा सेंटर के डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन से जुड़ी योजनाएं तेजी से शुरू होंगी।
क्या होगा असर
यह सिर्फ एक तकनीकी निवेश नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य, रोजगार और ग्लोबल पहचान का रास्ता है। आने वाले सालों में इसका असर स्कूल-कॉलेज से लेकर हर रोज़ के डिजिटल जीवन में दिखेगा।
