MP news: खाद के लिए पिट रहे किसान, मुरैना से यूपी भेजा जा रहा यूरिया, वायरल वीडियो से सामने आई जानकारी

मुरैना से यूरिया की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है और वह भी खुलेआम चंबल नदी के रास्ते उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है।
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में इस समय खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। हालात इतने खराब हैं कि किसान यूरिया पाने के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। कई जगहों पर भूखे-प्यासे किसान आपस में उलझ रहे हैं और व्यवस्था संभालने के नाम पर पुलिस की लाठियां तक झेल रहे हैं। लेकिन इसी संकट के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले से यूरिया की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है और वह भी खुलेआम चंबल नदी के रास्ते उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। तस्करी का खुलासा एक वीडियो के माध्यम से हुआ, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मुरैना के अंबाह तहसील स्थित उसैद घाट से स्टीमर के जरिए यूरिया नदी पार कराया जा रहा है। चंबल नदी के उस पार उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का पिनहाट घाट है, जहां इस खाद को उतारा जा रहा है। वीडियो में एमपी में मिलने वाला यूरिया स्टीमर पर लोड होता है और फिर यूपी में अनलोड होता नजर आ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी तस्करी लंबे समय से चल रही थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक ओर जिले के किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। घंटों लाइन में लगने के बावजूद कई किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कहीं धक्का-मुक्की हो रही है, तो कहीं पुलिस लाठियां भांज रही है।
वहीं दूसरी ओर खाद माफिया इस संकट का फायदा उठाकर आसानी से यूरिया की कालाबाजारी कर रहे हैं। जो खाद किसानों के खेतों तक पहुंचनी चाहिए थी, वह तस्करों के जरिए दूसरे राज्य में बेची जा रही है। इससे किसानों में गुस्सा और निराशा दोनों बढ़ती जा रही है। वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग, खाद्य विभाग के अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक मुरैना को निर्देश दिए हैं कि तस्करी में शामिल लोगों की पहचान कर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है।
प्रस्तुति: एपी सिंह
