Indore News: एमजीएम मेडिकल कॉलेज में फिर रैगिंग, सस्पेंड सीनियर छात्रों ने फ्लैट में बुलाकर जूनियरों को पीटा, शराब पिलाई

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इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक और गंभीर मामला सामने आया है। सस्पेंड सीनियर छात्रों पर जूनियरों से मारपीट, धमकी और जबरन शराब पिलाने के आरोप लगे हैं।

इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक और गंभीर मामला सामने आया है। सस्पेंड सीनियर छात्रों पर जूनियरों से मारपीट, धमकी और जबरन शराब पिलाने के आरोप लगे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

इंदौर (एपी सिंह)। एमजीएम मेडिकल कॉलेज एक बार फिर रैगिंग के आरोपों को लेकर चर्चा में है। कॉलेज में रैगिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक महीने के भीतर दूसरी शिकायत सामने आई है। इस बार जूनियर छात्रों ने आरोप लगाया है कि सीनियर छात्रों ने उन्हें एक निजी फ्लैट में बुलाकर न सिर्फ मारपीट की, बल्कि डराया-धमकाया और जबरन शराब भी पिलाई। मामला इसलिए और गंभीर हो जाता है क्योंकि आरोपी सीनियर छात्रों में दो ऐसे छात्र भी शामिल हैं, जिन्हें पहले ही रैगिंग के एक अन्य मामले में निलंबित किया जा चुका था। इस बार की शिकायत सीधे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को नहीं की गई, बल्कि कॉलेज प्रशासन को एक गुमनाम पत्र के माध्यम से दी गई है। शिकायत मिलते ही एंटी-रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू की और जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि भी हुई।

इस घटना के बाद जूनियर छात्रों में दहशत

शिकायत के अनुसार, 2025 बैच के जूनियर छात्रों को 2024 बैच के सीनियर छात्रों ने एक निजी फ्लैट पर बुलाया, जहां उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें जबरन नाचने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित छात्रों में इंदौर के एक ख्यात डॉक्टर का बेटा भी शामिल बताया गया है, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया है। जांच में यह भी सामने आया कि जिन दो सीनियर छात्रों के नाम इस ताजा मामले में सामने आए हैं, वे 18 नवंबर की रैगिंग घटना में भी शामिल थे। उस समय कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें एक महीने के लिए निलंबित किया था। इसके बावजूद उनके दोबारा ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से प्रशासन की सख्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिकायत के बाद जब जूनियर और सीनियर छात्रों को अलग-अलग बुलाकर बयान दर्ज किए गए, तो यह स्पष्ट हुआ कि जूनियर छात्र इतने डरे हुए थे कि वे खुलकर अपनी बात रखने से भी हिचक रहे थे।

डीन घनघोरिया ने माना यह घटना गंभीर

इस मामले में डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कहा कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विस्तृत जांच जारी है। उन्होंने बताया शिकायत मिलते ही एंटी-रैगिंग कमेटी सक्रिय हुई और सभी संबंधित छात्रों के बयान दर्ज किए गए। इसके अलावा हाल ही में एक अन्य शिकायत भी सामने आई है, जिसमें जूनियर छात्रों ने खेल के दौरान मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर छात्र क्रिकेट खेलते रहे और जूनियरों से घंटों तक बिना ब्रेक फील्डिंग करवाई गई। इन सभी शिकायतों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले 18 नवंबर को भी जूनियर छात्रों ने यूजीसी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें नियमित प्रताड़ना, गाली-गलौज, मारपीट के आरोप लगाए गए थे।

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