श्रावण मास आज से शुरू: बाबा महाकाल 14 जुलाई से करेंगे नगर भ्रमण, 6 दिव्य स्वरूपों में होंगे दर्शन

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 श्रावण मास आज से प्रारंभ: बाबा महाकाल 14 जुलाई से करेंगे नगर भ्रमण, 6 दिव्य स्वरूपों में होंगे दर्शन

श्रावण मास 2025 में 14 जुलाई से 18 अगस्त हर सोमवार बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी। बाबा 6 विभिन्न स्वरूपों में नगर (उज्जैन) भ्रमण करेंगे। जानिए तिथियां और स्वरूप।

Mahakal Swari Dates 2025 Ujjain: श्रावण मास का शुभारंभ आज ( 11 जुलाई 2025, शुक्रवार) से हो गया। पहले दिन मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल के भक्तों की खासी भीड़ है। श्रद्धालुओं में महाकाल की राजसी सवारी को काफी उत्सुकता है। जो 14 जुलाई से 18 अगस्त तक हर सोमवार को निकाली जाएगी। इस बार बाबा महाकाल छह भव्य स्वरूपों में नगर भ्रमण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।

उज्जैन में बाबा महाकाल अंतिम सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। इसमें श्री सप्तधातु मुखारविंद स्वरूप में उनका विशेष राजसी श्रृंगार किया जाएगा।

महाकाल सवारी 2025: छह स्वरूपों में भक्तों को दर्शन

1. 14 जुलाई – श्री मनमहेश (पालकी में)

श्रावण सोमवार की प्रथम सवारी में बाबा श्री मनमहेश स्वरूप में पालकी में विराजमान होंगे। यह रूप भक्तों के मन को मोहने वाला होता है। इसे श्री नवमहेश स्वरूप भी कहा जाता है।

21 जुलाई – श्री चंद्रमोलेश्वर (पालकी में)

दूसरी सवारी में बाबा श्री चंद्रमोलेश्वर रूप में पालकी में दर्शन देंगे। यह स्वरूप शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा का प्रतीक है। इससे चंद्र दोष का निवारण माना जाता है।

28 जुलाई – श्री शिव तांडव (गरुड़ रथ पर)

इस दिन बाबा शिव तांडव स्वरूप में गरुड़ रथ पर सवार होंगे। यह उनका मस्ताना और उर्जावान स्वरूप है, जिसके दर्शन मात्र से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रसन्नता आती है।

4 अगस्त – श्री उमा महेश (नंदी रथ पर)

इस रूप में बाबा मां पार्वती के साथ उमा-महेश रूप में नंदी रथ पर विराजमान होंगे। यह स्वरूप वैवाहिक जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़ाने वाला माना जाता है।

11 अगस्त – श्री होलकर स्टेट (विशेष रथ पर)

यह स्वरूप होलकर राज्यकालीन रजत सवारी का प्रतीक होता है, जहां बाबा अपने भक्तों को मुक्तिदाता के रूप में दर्शन देते हैं।

18 अगस्त – श्री सप्तधातु मुखारविंद (राजसी स्वरूप)

श्रृंखला की अंतिम सवारी में बाबा श्री सप्तधातु मुखारविंद रूप में राजसी श्रृंगार के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। यह स्वरूप मानव जीवन के सात तत्वों का प्रतीक है और बाबा का सबसे भव्य रूप माना जाता है।

तैयारियां पूरी, श्रद्धालु उमड़ने को तैयार

महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने सभी सवारियों की तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा, यातायात और व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सवारी मार्गों पर साफ-सफाई, बैरिकेडिंग और मेडिकल सुविधा भी सुनिश्चित की गई है।

हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु बाबा के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करने उज्जैन पहुंचेंगे। सभी सवारियां श्रद्धा, उत्साह और परंपरा के साथ निकाली जाएंगी।

बाबा महाकाल की सवारी कार्यक्रम और तिथियों

तिथि स्वरूप सवारी प्रकार

14 जुलाई श्री मनमहेश पालकी

21 जुलाई श्री चंद्रमोलेश्वर पालकी

28 जुलाई श्री शिव तांडव गरुड़ रथ

4 अगस्त श्री उमा महेश नंदी रथ

11 अगस्त श्री होलकर स्टेट विशेष रथ

18 अगस्त श्री सप्तधातु मुखारविंद राजसी सवारी

बाबा महाकाल की सवारी का महत्व और मान्यता

श्रावण मास के हर सोमवार बाबा महाकाल की सवारी निकलना उज्जैन की अद्वितीय धार्मिक परंपरा है। यह सवारी भगवान शिव के भक्तों से सजी-धजी नगरी में शिवरूप दर्शन का दुर्लभ अवसर प्रदान करती है। श्रद्धालु मानते हैं कि महाकाल के इन स्वरूपों के दर्शन मात्र से पापों का नाश, मनोकामना पूर्ण और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

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