MP में मौसम का बदला मिजाज: ठंडक बढ़ी, जबलपुर समेत16 जिलों में बारिश की संभावना

ठंडक बढ़ी, जबलपुर समेत16 जिलों में बारिश की संभावना
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मध्यप्रदेश में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है, जिससे प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। इसके साथ ही, एक पश्चिमी विक्षोभ भी भारत की ओर बढ़ रहा है, जिसका असर हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी के रूप में देखा जा सकता है। इसका प्रभाव मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से में ठंड बढ़ने के रूप में दिखाई देगा।

मध्यप्रदेश में अक्टूबर के आखिर से मौसम में एक नया बदलाव देखने को मिला है। तेज बारिश और आंधी के बाद अब राज्य में ठंडक का असर बढ़ने लगा है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मंगलवार की रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के नीचे था और सुबह के समय कोहरे की घनी परत ने मौसम को और भी ठंडा बना दिया।

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को भी यह ठंडक बनी रहेगी, हालांकि कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और बादल छाए रह सकते हैं। विशेष रूप से जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल, और शहडोल संभाग में बूंदाबांदी का अनुमान है। राजधानी भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज धूप देखने को मिल सकती है, जिससे दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास रहेगा।

मौसम में आए इस बदलाव के कारण, प्रदेश में ठंडक और हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी रहेगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में 6 नवंबर तक बारिश हो सकती है। वहीं, 15 नवंबर के बाद ठंड का दौर और भी तीव्र हो जाएगा।

साइक्लोनिक सर्कुलेशन और पश्चिमी विक्षोभ का असर

मध्यप्रदेश में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है, जिससे प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। इसके साथ ही, एक पश्चिमी विक्षोभ भी भारत की ओर बढ़ रहा है, जिसका असर हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी के रूप में देखा जा सकता है। इसका प्रभाव मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से में ठंड बढ़ने के रूप में दिखाई देगा।

क्या होगा आगामी दिनों में मौसम का हाल?

मौसम विभाग के अनुसार, 5 और 6 नवंबर को मध्यप्रदेश में कुछ जिलों में बादल और हल्की बारिश का दौर रहेगा। फिर, उत्तरी हवाओं के प्रभाव से तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है। यह मौसम परिवर्तन अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा, और 15 नवंबर के बाद ठंडक का असर और अधिक महसूस होने लगेगा।

पचमढ़ी में सबसे ठंडा मौसम

मंगलवार को पचमढ़ी में 2 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 24.6 डिग्री पर पहुँच गया, जो कि प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान बन गया है। वहीं, अन्य शहरों जैसे शिवपुरी, श्योपुर, रतलाम, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर और बैतूल में पारा 30 डिग्री से नीचे रहा।

अक्टूबर में बारिश का रिकॉर्ड

अक्टूबर के महीने में प्रदेश में सामान्य से 121% अधिक बारिश हुई, जो कि 2.8 इंच दर्ज की गई, जबकि सामान्य बारिश 1.3 इंच थी। यह बारिश अक्टूबर के महीने के लिए ऐतिहासिक रही।

क्या आप तैयार हैं ठंड के लिए?

मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदल चुका है, और ठंड का दौर आने वाला है। अगर आप भी ठंड से बचने के लिए तैयार हो रहे हैं, तो आज ही अपने गर्म कपड़े निकालें और हल्की बारिश के लिए अपनी छतरी साथ रखें।

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