गणेश विसर्जन 2025: भोपाल, इंदौर और जबलपुर में पुलिस और क्रेन की तैनाती, कई रूट भी डायवर्ट

MP Ganesh Utsav
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मध्य प्रदेश में गणेश विसर्जन के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित सभी जिलों में सुरक्षा व ट्रैफिक की खास तैयारियां। जानें विसर्जन का महत्व और धार्मिक मान्यता।

mp news: मध्य प्रदेश में गणेशोत्सव की धूम अब विदाई की ओर है। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा सहित सभी जिलों में गणेश विसर्जन के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

राजधानी भोपाल में ढाई हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। हर घाट पर CCTV कैमरे और कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गोताखोर और फायर ब्रिगेड की टीमें तैनात होंगी। बड़ी प्रतिमाओं के लिए क्रेन और हाइड्रोलिक क्रेन, वहीं छोटी प्रतिमाओं के लिए अस्थाई कुंड तैयार किए गए हैं।

ट्रैफिक पुलिस ने भी खास प्लान बनाया है। शनिवार सुबह से ही भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा और शाम को भारत टॉकीज से कमलापति घाट तक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान शहर के कई मार्गों पर रूट डायवर्जन लागू रहेगा।

जबलपुर में विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने तैयारियों का जायजा लिया और निर्देश दिए कि हनुमान ताल तालाब को प्रदूषण से बचाते हुए शांतिपूर्ण विसर्जन कराया जाए। यहां भी क्रेन और सुरक्षित घाटों की व्यवस्था की गई है।

गणेश विसर्जन की धार्मिक मान्यता

हिंदू परंपरा के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर विधिपूर्वक पूजन के बाद ही गणपति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन बप्पा को लाल पुष्प, नारियल, मोदक और लड्डू अर्पित करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से गणेशजी की कृपा सदैव बनी रहती है।

भक्तजन जयकारों के साथ गणपति को जल में विसर्जित करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे अगले वर्ष पुनः लौटकर आएं। यही इस पर्व का सबसे भावुक और भव्य क्षण होता है।

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