पं. प्रदीप मिश्रा- कुबेरेश्वर धाम: कांवड़ यात्रा के दौरान भगदड़, दम घुटने से 2 की मौत, कई घायल

Kubereshwar Dham Accident
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कांवड़ यात्रा के दौरान कुबेरेश्वर धाम में मची भगदड़, कई लोगों के घायल होने की आशंका। 

पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़-भाड़ और धक्का‑मुक्की के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए हैं।

MP News: सीहोर के प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को धक्का-मुक्की के कारण दो श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई। एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा 6 अगस्त को आयोजित की जाने वाली कांवड़ यात्रा में भाग लेने के लिए एक दिन पहले ही धाम पहुंचने लगे थे। आयोजन स्थल पर करीब 4,000 श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव और दम घुटने की स्थिति के चलते व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

धाम में व्यवस्था टूटी, जगह पड़ गई कम

कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक हो गई कि भंडारे, ठहराव और दर्शन के लिए निर्धारित स्थान कम पड़ने लगे। नतीजतन, कई इलाकों में अफरा-तफरी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। भीड़ में दो श्रद्धालु दब गए, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई।

प्रशासनिक दावे धराशायी, इंतजाम हुए फेल

प्रशासन और आयोजकों ने दावा किया था कि नमक चौराहा, राधेश्याम कॉलोनी, बजरंग अखाड़ा, अटल पार्क, शास्त्री स्कूल, लुर्द माता स्कूल और सीवन नदी के पास 4000 से ज्यादा श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया है। पूरे सावन मास में प्रसादी वितरण की भी योजना थी। लेकिन भीड़ के दबाव के सामने ये सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए।

यातायात प्लान भी हुआ फेल

एसपी दीपक शुक्ला के अनुसार, 5 अगस्त रात 12 बजे से 6 अगस्त रात 11 बजे तक यातायात डायवर्जन और पार्किंग प्लान लागू होना था। इसमें भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग और छोटे वाहनों को न्यू क्रिसेंट चौराहा से अमलाहा भेजने की योजना थी। लेकिन हादसे के वक्त तक यह प्लान शुरू ही नहीं किया गया था।

जिम्मेदारी किसकी? प्रशासन चुप

अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह ने एसडीएम तन्नय वर्मा को इस आयोजन का प्रभारी नियुक्त किया था। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हादसे के समय कितनी पुलिस और मेडिकल टीम मौजूद थीं।

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