भोपाल: जेपी अस्पताल में 21 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, अब आउटसोर्स एजेंसी के अधीन होंगी सेवाएं

JP Hospital 21 employees Job risk services under outsourced agency
X

जेपी अस्पताल के 21 कर्मचारियों के नौकरी पर संकट (फाइल फोटो)

भोपाल के जेपी अस्पताल में 21 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गई है। इनकी सेवाएं आउटसोर्स एजेंसी को सौंपी जाएंगी। इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

सचिन सिंह बैस, भोपाल।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित जेपी अस्पताल से बड़ी खबर सामने आई है। यहां करीब 25 साल से काम कर रहे 21 कर्मचारियों की सेवाएं अब समाप्त कर दी जाएंगी और उन्हें आउटसोर्स एजेंसी में मर्ज किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन के इस आदेश से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

25 साल बाद खतरे में नौकरी

जेपी अस्पताल में रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) के तहत नियुक्त ये 21 कर्मचारी वर्षों से सेवाएं दे रहे थे। लेकिन अब सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने संचालनालय के आदेश का हवाला देकर सभी को नोटिस जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि इनकी सेवाएं आउटसोर्स एजेंसी को सौंप दी जाएंगी।

कलेक्टर से मिली मंजूरी

सूत्रों के मुताबिक, सिविल सर्जन ने कलेक्टर को एक नोटशीट भेजकर कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की अनुमति ली। इसमें लिखा गया कि इन कर्मचारियों पर हर माह करीब 3 लाख रुपए खर्च होते हैं, जबकि आउटसोर्स एजेंसी से यह खर्चा कम होगा। हालांकि, इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

आउटसोर्स एजेंसी पर गंभीर आरोप

अस्पताल में पहले से सेवाएं दे रही इंदौरिया सिक्योरिटी फोर्स पर कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता और कलेक्टर रेट से तय वेतन में कटौती की जाती है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें आउटसोर्स एजेंसी के अधीन किया गया, तो वे आंदोलन करेंगे।

किन पदों पर असर पड़ेगा?

  • कंप्यूटर ऑपरेटर – 3
  • टिकट राइटर – 8
  • फार्मासिस्ट – 2
  • लैब टेक्नीशियन – 1
  • डेंटल असिस्टेंट – 1
  • वाहन चालक – 4
  • माली – 1
  • सफाईकर्मी – 1

कर्मचारियों की क्या मांग है?

कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें आउटसोर्स एजेंसी के अधीन करने की बजाय एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) में मर्ज किया जाए।

प्रबंधन का बयान

सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है, ''हमने सेवाएं समाप्त नहीं की हैं, बल्कि आउटसोर्स एजेंसी को सौंपने का नोटिस दिया है। इसमें भी कर्मचारियों से सहमति ली जाएगी। किसी की नौकरी खत्म नहीं होगी।''

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story