मदनी का विवादित बयान: कहा- ‘जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा’, SC की भूमिका पर भी उठाए सवाल; बीजेपी का पलटवार

Maulana Mahmood Madani: भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में मौलाना महमूद मदनी का विवादित बयान।
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भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में मौलाना महमूद मदनी का विवादित बयान। 

भोपाल में जमीयत बैठक के दौरान मौलाना मदनी ने कहा- ‘जुल्म रहेगा तो जिहाद भी’; न्यायपालिका पर भी सवाल उठाए। बीजेपी ने किया पलटवार। संबित पात्रा ने बताया भड़काऊ भाषण।

भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार, 29 नवंबर को मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज के दौर में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ संगठित नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। पवित्र शब्द “जिहाद” को जानबूझकर आतंकवाद और हिंसा से जोड़ा जा रहा है, जबकि इस्लाम में जिहाद का असली मतलब अन्याय, जुल्म और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष है।

मौलाना मदनी ने “लव जिहाद”, “लैंड जिहाद”, “थूक जिहाद” जैसे शब्दों को पूरी तरह मनघड़ंत और मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब जब जुल्म होगा, तब तब जिहाद होगा, क्योंकि यह इस्लाम का मूल सिद्धांत है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनकी धार्मिक पहचान, दाढ़ी, टोपी, हिजाब, नमाज़ और आज़ान तक पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बुलडोजर से घर तोड़े जा रहे हैं, मॉब लिंचिंग हो रही है, आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर नफरती मुहिम चलाई जा रही है। शिक्षा, नौकरी और सामाजिक न्याय में मुसलमान पीछे छोड़े जा रहे हैं।

न्यायपालिका पर भी सवाल उठाते हुए मौलाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तभी सचमुच “सुप्रीम” कहलाएगा, जब वह संविधान की हर धारा की पूरी तरह पाबंदी करेगा। कुछ हालिया फैसलों से निष्पक्षता पर संदेह पैदा हुआ है।

वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दखलंदाजी को उन्होंने मुसलमानों की अमानत पर डाका बताया और सख्त विरोध जताया। धर्मांतरण विरोधी कानूनों को एकतरफा करार देते हुए कहा कि मुसलमानों की दावत-ओ-तब्लीग को अपराध बना दिया गया, जबकि दूसरे संगठनों को खुली छूट है। मौलाना मदनी ने नौजवानों से मायूसी त्यागने और संवैधानिक हकों के लिए एकजुट होने की अपील की।

उन्होंने चेतावनी दी कि देश की बड़ी खामोश आबादी अगर नफरत करने वालों की तरफ मुड़ गई तो हालात बहुत खतरनाक हो सकते हैं।

बैठक में गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह बलिदान सिर्फ सिख कौम का नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की साझा विरासत है। यह इंसानियत, धर्म और आजादी की रक्षा का अनमोल प्रतीक है और हमें नफरत के खिलाफ डटकर खड़ा होना सिखाता है।

अंत में उन्होंने साफ कहा- मुर्दा कौमें हालात के आगे घुटने टेक देती हैं, लेकिन जिंदा कौमें अपने हक, अपनी पहचान और अपने सम्मान पर कभी समझौता नहीं करतीं।

बीजेपी का हमला, बताया भड़काऊ भाषण

बीजेपी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना महमूद मदनी का भोपाल में दिया गया बयान भड़काऊ और देश को बांटने वाला है।

जिहाद के नाम पर जिस प्रकार से लोगों ने भारत में ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर भी आतंक फैलाया है, वह हमने देखा है। पात्रा ने कहा, मैं मौलाना मदनी को याद दिलाना चाहता हूं कि वंदे मातरम् किसी धर्म का नहीं, हमारी मातृभूमि का सम्मान है, जिसके लिए अनगिनत वीरों ने अपना बलिदान दिया है।

विश्वास सारंग का पलटवार

मौलाना मदनी के इन बयानों पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मौलाना के वंदे मातरम पर पुराने बयान और अब संविधान व सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी देश की संवैधानिक व्यवस्था का अपमान है। सारंग ने कहा कि हिंदुस्तान की मिट्टी और हवा में जीकर संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, और ऐसे बयान समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।

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