जल गंगा संवर्धन अभियान: खंडवा को 1518 करोड़ की सौगात, जावर सिंचाई परियोजना से बदलेगी 50 गांवों की तस्वीर

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जल गंगा संवर्धन अभियान: खंडवा को 1518 करोड़ की सौगात, जावर उद्वहन सिंचाई परियोजना से बदलेगी तस्वीर 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन खंडवा में हुआ। 1518 करोड़ से अधिक के जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया।

jal Ganga abhiyan khandwa : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण के लिए चलाए गए 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान का खंडवा में भव्य समापन हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान खंडवा जिले को 1518 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी। सीएम ने जल संरक्षण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

वॉटरशेड सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जल संरक्षण में किए गए नवाचार और तकनीकी प्रयोगों से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने मनरेगा के तहत 578.08 करोड़ की लागत से बने 57,207 जल संरक्षण कार्यों और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वॉटरशेड के तहत 63.46 करोड़ से 888 जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण किया।

312.77 करोड़ से बनेंगी 4 सिंचाई परियोजनाएं
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वॉटरशेड वर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। कहा, कार्यों की अब डिजिटल मॉनिटरिंग होगी। इस दौरान उन्होंने 4 सिंचाई परियोजनाएं (भाम राजगढ़, बिहार सारोला, लाजैरा, हापला दीपला बैराज) का ऐलान किया। कहा, जल संसाधन विभाग द्वारा इन परियोजनाओं का निर्माण 312.77 करोड़ से करेगा। इनसे 7260 किसान लाभान्वित होंगे।

जावर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना को स्वीकृति
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि ₹563.72 करोड़ की नर्मदा घाटी की जावर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना को प्रशासकीय स्वीकृति दे दी गई है। इससे 52 गांवों के 21,666 किसानों का फायदा होगा। सीएम ने इस दौरान अमृत 2.0 योजना अंतर्गत ₹50 करोड़ से पुनर्निर्मित 74 जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण किया।

मप्र जल अभियान की खासियत

  • 84,930 खेत-तालाब बनाए गए, मानसून की पहली बारिश में भरने लगे।
  • 1,04,294 कुओं में रिचार्ज पिट का निर्माण कार्य प्रगति पर।
  • 20,955 पुराने जल संरक्षण कार्यों को किया गया पुनर्जीवित।
  • 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण जारी।

जन आंदोलन बना जल संरक्षण अभियान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार जल संरक्षण के लिए नवाचार और तकनीक का प्रयोग कर रही है। इससे प्रभावी परिणाम मिल रहे हैं। सीएम ने कहा, जल संरक्षण केवल योजनाओं का विषय नहीं, यह जन-आंदोलन है। जल गंगा संवर्धन अभियान ने यह सिद्ध किया है कि जब सरकार और जनता एक साथ काम करें, तो असंभव भी संभव हो जाता है।

उज्जैन से शुरू हुआ था अभियान
मध्यप्रदेश में जल संरक्षण की शुरुआत सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में 30 मार्च को की थी। तीन माह बाद खंडवा में समापन हुआ। जल संरक्षण की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित हो रहा है। खेत तालाबों, अमृत सरोवरों और रिचार्ज पिट जैसे नवाचारों ने साबित किया है कि समर्पित योजना और तकनीकी समर्थन से जल संकट को मात दी जा सकती है।

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