MP Growth Conclave 2025: क्वांटम तकनीक, AI और IOT से बदलेगी शहरों की तस्वीर; जानें क्या बोले एक्सपर्ट?

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स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, IoT, क्वांटम तकनीक व साइबर सुरक्षा पर चर्चा। 

MP Growth Conclave 2025 के इंदौर सत्र में स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, IoT, क्वांटम तकनीक व साइबर सुरक्षा पर हुई चर्चा। शहरों को भविष्य की ओर ले जाने का रास्ता तय।
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MP Growth Conclave 2025: मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉनक्लेव 2025 के प्रथम सत्र (Integrating Technology for Urban Excellence) में शहरों में एआई, आईओटी और क्वांटम तकनीक के ज़रिए सशक्त विकास पर गहन विमर्श किया गया। साथ ही इनोवेशन से बेहतर डेलवपमेंट और भविष्य की रणनीतियाँ साझा गईं।

अलग अलग सेक्टर के विशेषज्ञों ने इस सत्र ने शहरों में स्मार्ट यातायात, सुरक्षित नागरिक डेटा प्रबंधन, IoT आधारित सेवाएं और क्वांटम‑सक्षम संरचनाएं की महत्वपूर्ण जरूरतों पर प्रकाश डाला। संगठित प्रयास, तकनीकी एकीकरण और सार्वजनिक–निजी साझेदारी की दिशा में इंडोर अग्रणी बनकर उभरा।

मुख्य वक्ताओं के विचार और सुझाव

  • बिसेग-एन के स्पेशल डायरेक्टर जनरल विनय ठाकुर ने स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, AI-आधारित स्मार्ट पुलिसिंग और RERA मॉनिटरिंग में Geotagging पर जोर दिया। कहा, अधोसंरचना में आधुनिक तकनीक का एकीकरण नागरिकों के हित में होना चाहिए। वहीं
  • एनआईसीएसआई के मैनेजिंग डायरेक्टर आरके मिश्रा ने ई-गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म पर काम चलने की जानकारी दी। बताया कि तकनीकी आसानियां नागरिकों तक पहुंचाई जा रही हैं।
  • कमलाकन्नन थीरुवादी (Regional Exec, Bentley Systems SA)ने डिजिटल ट्विन मॉडल का महत्त्व समझाया। कहा, रियलटाइम डेटा आधार पर शहरों की कॉप्लेक्स परिस्थितियों का अनुकरण और प्रबंधन आवश्यक है। क्विक हेल्थ के सीईओ आशीष प्रधान ने साइबर सुरक्षा व डेटा की गोपनीयता का महत्व रेखांकित किया। साथ ही मजबूत गवर्नेंस मॉडल की बात कही।
  • शामिक जोशी (Head, Menax) ने IoT आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट की मिसाल दी। मुंबई का सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु के स्मार्ट ट्रैवल मॉडल से अवगत कराया। डॉ. अभय किम्मटकर (MD, CSTechAI)ने 50 साल बाद के शहरों के लिए योजनाएं सुझाईं। उन्होंने जल आपूर्ति में सेंसर, पानी की गुणवत्ता मॉनिटरिंग जैसे कुछ उदाहरण देकर बताया कि कैसे लोगों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
  • प्रवीण दवे (Solution Architect, Google Cloud India) ने ई-गवर्नेंस और संपत्ति मूल्यांकन जैसे क्षेत्रों में एकीकृत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता बताई। वहीं श्रीजीत नायर (SVP, Protein)ने परमिशन‑आधारित डिजिटल डेटा शेरिंग प्लेटफॉर्म सुझाया। कहा इससे नागरिकों की निजी जानकारी सुरक्षित और पारदर्शी रहेगी।

क्वांटम तकनीक पर जोर
एक्सपर्ट ने क्वांटम तकनीक से अवगत कराते हुए बताया कि ये नेक्स्ट‑जनरेशन साइबर सुरक्षा में क्रांतिकारी साबित होंगी। भारत सरकार की संचालित क्वांटम मिशन की सफलता विशेष रूप से उजागर हुई।

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